ब्रिटेन और रूस समेत कुछ देशों में अब कोरोना वैक्सीन का टीका लोगों को लगाया जा रहा है. ऐसी उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में भारत में भी कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हो जाएगा. लेकिन, यह सवाल उठता है कि क्या कोविड-19 वैक्सीन लगाने के बाद मास्क पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी? क्या उसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग रखने की आवश्यकता नहीं होगी? ऐसी कई वजहें है जिसके चलते वैक्सीन लगाने के बावजूद अगले कुछ दिनों तक लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बरतने की सलाह दी जाएगी.


अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक की तरफ से तैयार वैक्सीन के दो टीके लगाने होंगे. फाइजर का पहला टीका लगाने के बाद अगला टीका तीन हफ्ते के बाद लगाया जाएगा. जबकि, मॉडर्ना की वैक्सीन की पहली खुराक के चार हफ्ते बाद वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाएगी. और वैक्सीन का प्राय: फौरन असर नहीं होता है.


 हालांकि, कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगने के अगले कुछ हफ्ते बाद लोग इससे कुछ बचाव की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन, पूरी तरह से बचाव वैक्सीन के दोनों टीके लगने के अगले कुछ हफ्तों बाद ही हो पाएगा.


यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के वैक्सीन एक्सपर्ट देबोराह फुल्लर ने कहा- अभी तक यह भी पूरी तरह से सामने नहीं आया है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन कोरोना वायरस इन्फैक्शन से पूरी तरह बचाव करती है या फिर सिर्फ उसके लक्षणों से. इसका मतलब ये हुआ कि वैक्सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं और वायरस के जरिए दूसरों को फैला सकते हैं. हालांकि, इसकी दरें काफी कम होंगी.


और जब एक बार सप्लाई तेज हो जाएगी तो अगले कुछ दिनों में सैकड़ों करोड़ लोगों को वैक्सीन दिए जाने की उम्मीद है. फुल्लर ने कहा कि वैक्सीन ट्रायल बच्चों पर शुरू हो चुका है और जब तक स्टडी के डेटा से यह जाहिर नहीं हो जाता है कि यह सुरक्षित और प्रभावी है इसे बच्चों में नहीं दिया जाएगा. यूएस वैक्सीन डेवलपमेंट के हेड मोन्सेफ सलोई ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन के प्रभाव के आधार पर मई तक लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है.    


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