नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट पर बीजेपी को अपने राज्यों की सरकारों से एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं. गुजरात के बाद अब बीजेपी शासित उत्तराखंड ने नए मोटर व्हीकल कानून में जुर्माने की दरों को आधा कर दिया है. इससे पहले कल महाराष्ट्र ने नए कानून को लागू करने से इनकार कर दिया था. उत्तराखंड में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में जुर्माने की राशि को 50% घटाने का फैसला किया गया.


कैबिनेट मीटिंग के बाद उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिन ने कहा, '' केंद्र सरकार ने मोटरयान अधिनियम के कुछ प्रावधानों में ढील देने की इजाजत राज्यों को दी है. कैबिनेट ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर तय जुर्माने से अलग दरों पर मुहर लगा दी है. नई दरें किस तिथि से लागू होंगी, इसका जिक्र नोटिफिकेशन में किया जाएगा और आम जनता को इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जाएगी.''


हालांकि कैबिनेट ने सड़क दुर्घटना की वजह बनने वाले बिना लाइसेंस, बिना हेलमेट, ओवर स्पीडिंग व दुपहिया वाहन पर तीन सवारी जैसे नियमों के उल्लंघन के लिए तय जुर्माने में कोई बदलाव नहीं किया है. दुपहिया पर तीन सवारी बैठाने और हेलमेट ना पहनने 1000 रुपये के जुर्माने के साथ ही तीन महीने तक लाइसेंस सस्पेंड करने का फैसला किया गया है.


बता दें कि गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के अलावा बीजेपी शासित कर्नाटक में भी जुर्माने की राशि को घटाने पर विचार हो रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्युरप्पा ने अपने अधिकारियों से गुजरात मॉडल का अध्यय्न करने कहा है. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुर्माने की राशि को जनता पर बोझ बताते हुए लागू करने से इनकार कर दिया है. खबरों की मानें तो अभी कई और राज्य हैं केंद्र के कानून से अलग फैसला ले सकते हैं.


उत्तराखंड में किस नियम के उल्लंघन पर कितना जुर्माना?
प्रदूषण सर्टिफिकेट: 10 हजार की जगह अब ढाई हजार, दूसरी बार में 5000 जुर्माना
गाड़ी मोडिफिकेशन: जुर्माने को एक लाख से घटाकर 50,000 किया गया
इमरजेंसी वाहनों को रास्ता ना देने पर पहले जुर्माना 10000 से घटाकर 5000 किया गया


एबीपी न्यूज़ से बोले गडकरी- जुर्माना घटाने के बाद एक्सीडेंट में मौत के जिम्मेदार होंगे राज्य
इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज़ ने केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी से बात की. गडकरी ने जुर्माना कम करने वाले और कानून ना लागू करने वालों को लेकर कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है. गडकरी ने कहा, ''जुर्माना कम करने के बाद अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो इसके जिम्मेदार राज्य सरकार है.''


उन्होंने कहा, ''दुनिया में सड़क हादसे में सबसे ज़्यादा मौत भारत में होती हैं. सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को 2 फीसदी जीडीपी का नुकसान भी होता है. जुर्माना कम करने या नया कानून लागू करने या न करने के बाद सड़क दुर्घटना में अगर लोगों की मौत कम होती है तो राज्य सरकार ज़िम्मेदार है.'' उन्होंने कहा कि दवाब में राज्य सरकारें, जुर्माना कम न करें, जुर्माना कम करना ठीक नहीं है. कानून के प्रति भय और सम्मान नहीं है.