पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है. दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश में हीट वेव और गर्मी से बुरा हाल है. गर्मी से राहत के लिए लोग बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग ने मानसून को लेकर बुरी खबर सुनाई है. IMD के मुताबिक, 1 जून को मानसून अवधि की शुरुआत के बाद से भारत में 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इतना ही नहीं 12-18 जून के बीच मानसून की रफ्तार भी काफी धीमी हुई है. 


हालांकि, IMD का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अब अनुकूल हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, भारत में 1 जून से 18 जून तक 64.5 mm बारिश हुई है, जो औसत बारिश 80.6 mm से 20 प्रतिशत कम है. 


30 मई को केरल पहुंच गया था मानसून

मानसून ने शुरुआत में काफी तेजी दिखाई थी और तय समय से दो दिन पहले 30 मई को ही केरल पहुंच गया था. इसके बाद 12 जून तक इसने धीरे-धीरे केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कवर किया. इसके अलावा मानसून दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भाग और दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा के कुछ हिस्से और पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्से तक पहुंच गया. हालांकि, इसके बाद 18 जून तक मानसून में कोई प्रगति नहीं दिख रही है. 


आईएमडी ने बताया कि देश के 11 मौसम सब डिबिजन में 1 से 18 जून के बीच सामान्य से लेकर बहुत अधिक वर्षा हुई है, जबकि 25 में कम से लेकर बहुत कम वर्षा हुई है. पूर्वानुमान से पता चलता है कि जून में देश भर में औसत वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है. इससे पहले IMD ने मई में कहा था कि देश में मानसूनी सीजन (जून से सितंबर के बीच) में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है.