नई दिल्ली: आतंकी हमले के खतरे के बीच चार दिन के जम्मू कश्मीर दौरे पर पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने करीब 50 प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात की. हालांकि खुफिया एजेंसियों के फिदायीन हमले के अलर्ट के चलते गृहमंत्री का घाटी के युवाओं से मिलने का कार्यक्रम टल गया.


कार्यक्रम में गृहमंत्री घाटी के युवाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा में लौटने की अपील करने वाले थे. खुफिया अलर्ट के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर राज्य के वीआईपी है.


फिदायीन हमले को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने किया था आगाह
जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक 156 आतंकियों के एनकाउंटर में मारे जाने जब बाद भी कश्मीर घाटी में आतंकी हमले का खतरा बरकार है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह के दौरे से ठीक पहले घाटी में आतंकी हमले को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भारतीय खुफिया एजेंसी को आगाह किया कि जैश ए मोहम्मद के 10 फिदायीन आतंकी घुसपैठ कर घाटी में बड़े हमले को अंजाम देने के इरादे से घुसे हैं. इन फ़िदायीन आतंकियों के निशाने पर है राज्य के मुख्य मंत्री महबूबा मुफ्ती भी हैं.


महबूबा मुफ्ती को भी दी गयी हिदायत
घुसपैठ करने वाले आतंकी अब तक खुफिया एजेंसियों के रडार से बाहर हैं. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से खतरे को देखते हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में शिरकत ना करने की हिदायत दी है. शायद यही वज़ह है कि मुख्यमंत्री महबूबा ने गृहमंत्री के अनंतनाग के कार्यक्रम और प्रेस कॉन्फ्रेंस में नही दिखीं. गृहमंत्री ने भी आतंकी खतरे की तरफ इशारा किया.


गृहमंत्री ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया
हालांकि फिदायीन आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों का सर्च ऑपेरशन जारी है. वहीं गृहमंत्री ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराता है और फंडिंग करता है. इसी वजह से कश्मीर घाटी में पीढियां बर्बाद हो गई हैं लेकिन अब अगली पीढ़ी को बर्बाद होने से रोकना होगा.