नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस सरकार गिरने के बाद कांग्रेस की बाकी राज्यों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बयान से खतरा और बड़ा दिख रहा है. बयान भी क्या है. शिवराज ने कहा है कि कांग्रेस खुद सरकार गिरने की वजह बनेगी. हम मध्य प्रदेश में सरकार गिराने की वजह नहीं बनेंगे. मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल्द ही सरकार अपना पिंडदान करवाएगी. लगातार बयान ऐसे ही आ रहे हैं कि सरकार की उल्टी गिनती जारी है. आप गौर करेंगे तो कर्नाटक में भी बीजेपी इसी नीति पर कायम थी कि सरकार हम नहीं गिरा रहे हैं लेकिन 15 विधायक बागी हुए और कुमारस्वामी सरकार धड़ाम से गिर गई.


क्या कहा शिवराज सिंह चौहान ने?
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''यहां (मध्य प्रदेश) भी हम सरकार नहीं गिराएंगे लेकिन कांग्रेस ही कांग्रेस की सरकार गिराती रही है. कांग्रेस के अंदर जो अंतर्विरोध हैं और बीएसपी-एसपी का समर्थन उसमें कुछ हो जाए तो हम कुछ नहीं कर सकते. कर्नाटक में भी हमने सरकार नहीं गिराई, यहां भी हम कुछ नहीं कर रहे.''






कर्नाटक में कुमारस्वामी के विश्वासमत में फेल होने पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''जिस दिन ये सरकार बनी उसी दिन इसका गिरना तय था, इसलिए तय था क्योंकि कांग्रेस ने कभी गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. कांग्रेस धोखेबाज पार्टी है, कांग्रेस ने हमेशा गठबंधन बनाकर समर्थन दिया और फिर धोखा दिया. बीजेपी अपनी सरकार बनाएगी, 105 सदस्य हमारे पास है. आज के गणित को आप देखें तो बीजेपी स्पष्ट बहुमत और स्थिर सरकार देने की स्थिति में है.''


नेता प्रतिपक्ष बोले- आश्चर्य है, इतने दिन सरकार चल गई
वहीं मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''ये सरकार इतने दिन चल गयी यही आश्चर्य का विषय है. ये सरकार जल्द से जल्द गिरेगी क्योंकि सरकार में विचारधारा के आधार पर नहीं स्वार्थों के आधार पर गठबंधन बना है. जिस भी दिन किसी विधायक का मन की नहीं हुआ तो सरकार गिरनी तय है. मध्यप्रदेश में जल्द ही सरकार अपना पिंडदान करवाएगी.''


मध्यप्रदेश में तलवार की धार पर टिकी है कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश में नंबर का खेल कुछ ऐसा कि कमलनाथ सरकार पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है. मध्य प्रदेश में सत्ता की चाभी निर्दलीय विधायकों के हाथ में है. नंबरों पर नजर डालें तो एमपी में बहुमत का आंकड़ा 116 का है. अभी कांग्रेस के पास 114 और बीजेपी के पास 108 की संख्या है. वहीं सात अन्य हैं जिनका समर्थन सरकार को है. इन अन्य विधायकों में अगर कुछ इधर उधर होता है तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस का कमल मुरझा सकता है.


कर्नाटक में क्या हुआ?
करीब 20 दिनों के सियासी नाटक के बाद आखिरकार कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार का द एंड हो गया. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार विश्वासमत हासिल नहीं कर पाई. विश्वास मत प्रस्ताव पर 4 दिनों की बहस के बाद मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे स्पीकर के आदेश पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की गिनती के बाद 7 बजकर 40 मिनट पर स्पीकर को फाइनल रिपोर्ट सौंपी गई और जो नतीजे आउट हुए.


इसके बाद साफ हो गया कि बहुमत परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार 99 पर आउट हो गई. कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में 100 विधायक भी नहीं आए, जबकि सरकार के विरोध में यानी विपक्ष में 105 विधायक थे. वोटिंग के वक्त सदन में कुल 204 विधायक ही मौजूद थे. येदियुरप्पा आज राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.