(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पूर्वी लद्दाख के बाद चीन अब अपनी तैनाती अरूणाचल प्रदेश में बढ़ा रहा है, इंटेलीजेंस एजेंसियों ने सरकार को दी जानकारी
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के बाद चीन अब अपनी तैनाती अरूणाचल प्रदेश में बढ़ा रहा है. इंटेलीजेंस एजेंसियों ने सरकार को रिपोर्ट दी है.
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के बीच खबर है कि चीनी सेना अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी के करीब अपनी तैनाती बढ़ा रही है. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सेना सैनिकों के साथ साथ हेवी-व्हीकल्स और ड्रोन को बड़ी तादाद में अरूणाचल प्रदेश में तैनात कर रहा है. आपको बता दें कि शुक्रवार को ही थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने असम स्थित तेज़पुर में सेना की 4 (फॉर) कोर के मुख्यालय का दौरा किया था, जिसके अंतर्गत अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) खासतौर से अरूणाचल प्रदेश के सुबानसरी इलाके के ठीक सामने वाले तिब्बत के लुंग कैंप में एक नया हेलीपैड तैयार कर रही है. यहां पर चीन के नए टेंट दिखाई पड़ रहे हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां चीन के सैनिकों की तादाद बढ़ी है. साथ ही हेवी-व्हीकल्स भी यहां दिखाए पड़ रही हैं. खुफिया एजेंसियों ने ये रिपोर्ट सेना और सरकार से साझा की है.
लेकिन इंटेलीजेंस रिपोर्ट में सबसे चौकान्ने वाली जानकारी ये है कि पीएलए-सेना यहां पर बड़ी तादाद में ड्रोन की तैनाती तर रही है. जिसके लिए चीन अपने सैनिकों को यहां ट्रेनिंग दे रहा है. सूत्रों की मानें तो ड्रोन की तैनाती की एलएसी की निगरानी के लिए की जा रही है.
आपको बता दें कि अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी पर पीएलए की गतिविधियों को देखते हुए ही थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरूवार और शुक्रवार को असम के तेजपुर स्थित 4-कोर के हेडक्वार्टर का दौरा किया था. गजराज-कोर के नाम से जाने जानी वाली इस कोर में उस दौरान सेना की पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल, अनिल चौहान सहित उन सभी कोर के कमांडर्स मौजूद थे जिनके अंतर्गत सिक्किम से लेकर पूरे अरूणाचल प्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
तेज़पुर में इस मीटिंग में जनरल नरवणे ने सेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों को जायजा लिया. खास बात ये है कि इस दौरान भारतीय सेना की माउंटेन स्ट्राइक कोर के कमांडर भी मौजूद थे. पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित इस 'ब्रह्मास्त्र' कोर को भारत ने खासतौर से चीन के खिलाफ खड़ा किया है. जो युद्ध की स्थिति में दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करेगी.
जनरल नरवणे ने अपने इस दौरे के दौरान फॉरवर्ड-फॉरमेशेन्स का दौरा भी किया था. आपको बता दें कि 9 मई को सिक्किम के लूका-पास पर भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैट्रोलिंग को लेकर झड़प हुई थी. तेज़पुर से जनरल नरवणे सीधे लखनऊ स्थित मध्य कमान के मुख्यालय पहुंचे. मध्य कमान के अंतर्गत उत्तराखंड का वो लिपूलेख और कालापानी इलाका आता है जो चीन और नेपाल के ट्राइजंक्शन पर है. चीनी सेना इस इलाके में भी अपनी डिप्लोयमेंट बढ़ा रही है और नेपाल को उकसाकर इस इलाके को जबरदस्ती अपना बताने पर जोर दे रही है.
लखनऊ में सेना प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की. इस बीच खबर ये भी है कि चीन की पीएलए हेडक्वार्टर में पाकिस्तानी सेना कए एक बड़े सैन्य अफसर की तैनाती हुई है. ये तैनाती चीन और पाकिस्तानी सेना के समन्वय और सहयोग के लिए की गई है. क्योंकि चीन और पाकिस्तानी की दोस्ती किसी से छिपी नहीं रही है. ये तैनाती ऐसे समय में हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने से तनातनी चल रही है.
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