योगी सरकार से बढ़ीं उम्मीदें, कर्जमाफी के बाद अब शराबबंदी की मांग
नई दिल्ली: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आम लोगों की भलाई के लिए जिस तरह रोज कदम उठा रहे हैं उससे लोगों की उनसे उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. इसी कड़ी में यूपी में अब शराबबंदी की भी मांग उठने लगी है.
हाईवे से उठकर शहर में दुकान हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के हाईवे से शराब की दुकानें हटाने के आदेश के बाद ये दुकानें आबादी के इलाकों में शिफ्ट हो रही हैं. जिसका महिलाएं विरोध कर रही हैं. कुछ जगहों पर दुकानें मंदिर और स्कूलों के पास भी शिफ्ट कर दी गई हैं.
क्या कहता है नियम? हालांकि सरकारी नियमों के मुताबिक किसी स्कूल, कॉलेज या धार्मिक स्थल से 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती है. दुकानें खोलने का विरोध कर रही महिलाओं को यूपी की नई सरकार से उम्मीद है कि वो इनकी बात सुनेगी. महिलाओं ने अब नीतीश सरकार की तर्ज पर यूपी में भी पूर्ण शराबबंदी की मांग शुरू कर दी है.
महिलाएं कानून हाथ में ना लें- यूपी सरकार यूपी सरकार ने कहा है कि महिलाएं शराब की दुकानों पर तोड़फोड़ कर कानून हाथ में ना लें, साथ ही ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. यूपी सरकार भले शराबबंदी करने के मूड में ना हो लेकिन बीजेपी के उन्नाव से सांसद साझी महाराज ने भी पूर्ण शराबबंदी की मांग उठा दी है.
यूपी के आबकारी मंत्री ने क्या कहा? यूपी में जगह जगह शराबबंदी की मांग के बीच यूपी के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि रिहायशी इलाकों में जहां शराब की दुकानों का विरोध हो रहा है वहां शराब की दुकान नहीं खुलेगी. आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, ''जो महिलाएं शराब का विरोध कर रहीं हैं उनकी बात अपनी जगह है लेकिन अभी सरकार इस तरह के किसी फैसले पर विचार नहीं कर रही है. जब भी ऐसा कोई फैसला होगा तो मुख्यमंत्री जी और पूरी कैबिनेट के विचार से ही होगा.''
शराबबंदी में क्या मुश्किल है? शराब पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाना किसी भी राज्य सरकार के लिए इतना आसान भी नहीं है, क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा उसे शराब की बिक्री से ही मिलता है. यूपी के सरकारी खजाने को कुल राजस्व का 20 फीसदी शराब की बिक्री से ही मिलता है, वर्ष 2016-17 में शराब से यूपी के खजाने में 19 हजार 250 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है.
जाहिर है राजस्व कि तौर पर मिल रही इतनी बड़ी रकम को छोड़ने के लिए बहुत बड़ी इच्छाशक्ति चाहिए. पड़ोसी राज्य बिहार में ही नीतीश कुमार ने साबित कर दिखाया है कि पूर्ण शराबबंदी से भी सरकार चलाई जा सकती है.