मध्यप्रदेश ,राजस्थान और पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी घमासान शुरू, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ ?
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर घमासान शुरू हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव पर कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने जान से मरवाने का आरोप लगा दिया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य जहां कांग्रेस 90 विधानसभा सीट में से 70 पर काबिज है. पूरे देश में अगर कहीं कांग्रेस सबसे ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है तो इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ है. मध्यप्रदेश , राजस्थान और पंजाब जैसी कोई खबरें अब तक छत्तीसगढ़ से नहीं आ रही थीं. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर घमासान शुरू हो गया है.
स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव पर कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने जान से मरवाने का आरोप लगा दिया है. जिसके बाद पूरे प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विधायक का आरोप है कि जब से उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की है और ढाई-ढाई साल सीएम की बात को नकारा है तब से ही वो स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव के निशाने पर हैं.
क्या हुआ पूरी कहानी जान लीजिए
दरअसल कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी पर शनिवार की रात हमला हो गया. उन्होंने ये भी कहा ये हमला स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर हुआ और हमला करने वाले उनके रिश्तेदार हैं. जिसके बाद विधायक बृहस्पति सिंह ने अम्बिकापुर में थाने में एफआईआर दर्ज करवाया. आरोपी पकड़े गए और उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
रायपुर पहुंचने के बाद ऐसा क्या हुआ जिसके बाद 18 विधायकों ने शक्ति प्रदर्शन किया
अंबिकापुर में एफआईआर दर्ज होने के बाद जब आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई उसके बाद मामला शांत होने लगा था. लेकिन जैसे ही बृहस्पति सिंह रायपुर पहुंचे यहां से पूरी कहानी बदल गई. कुछ ही देर बाद बृहस्पति सिंह के बंगले में 18 विधायक इकट्ठा हो गए. जो विधायक इकट्ठा हुए उसमें से अम्बिकापुर संभाग यानी स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के प्रभाव वाले क्षेत्र के भी विधायक थे. विधायकों में आपस मे करीब 2 घंटे की बातचीत होने के बाद बृहस्पति सिंह ने एक प्रेस काँन्फ्रेस की.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक ने वो सब कुछ कहा जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. विधायक ने आरोप लगाया की स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव कुर्सी पाने के लिए उनकी और 4-5 विधायकों की हत्या करवा सकते हैं. ये महाराजा लोग हैं. पहले हमारे पूर्वजों को बांधकर पीटते थे. लेकिन आज ये सब नहीं कर पाएंगे. हम लोग जागरूक हो गए हैं. ऐसे मंत्री जो इस तरह की साजिश कर रहे हों उनको मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए. जब विधायक ये सब कह रहे थे तो उनके साथ 18 विधायकों का समर्थन था. यहां से मामला बिल्कुल स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ 18 विधायकों ने खोला मोर्चा जैसा हो गया था. यहीं सभी विधायकों ने फ़ोटो सेशन करवाया और सभी विधायक दल की बैठक में सीएम हाउस के लिए रवाना हो गए.
सीएम हाउस में स्वास्थ्य मंत्री और आरोप लगाने वाले विधायक की मुलाक़ात हो गई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर विधायक दल की बैठक थी. यहां प्रदेश प्रभारी पी. एल.पुनिया भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच में पी.एल.पुनिया बैठे थे. कुछ देर बाद आरोप लगाने वाले बृहस्पति सिंह और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की तस्वीर सामने आ गई. स्वास्थ्य मंत्री बाहर निकले और बोले विधायक दबाव में भावना में ऐसा बोल गए हैं. पार्टी फोरम की बातचीत है इस पर ज्यादा नहीं बोलूंगा. ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री के फ़ॉर्मूले पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा नो कमेंट.
अब आगे क्या ?
छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तभी से ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बने रहने के फार्मूले की चर्चा हो रही है. 17 जून 2021 को भूपेश बघेल के ढाई साल पूरे भी हो चुके हैं. उसके बाद से ही प्रदेश में नेतृत्व बदलने की चर्चा शुरू हुई है. हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने कभी खुलकर इस पर कोई बात नहीं की. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी.एल.पुनिया ने जरूर कई बार ये बात कही है की ढाई-ढाई साल कोई फॉर्मूला नहीं है. ऐसे में वो कई सवाल हैं जो छत्तीसगढ़ में राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब में हुए घटनाक्रम की ओर इशारा करते हैं.
पहला सवाल तो क्या अब स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ खुलकर बगावत शुरू हो गई है. दूसरा क्या अब प्रदेश में कोई ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला बचा ही नहीं है. तीसरा क्या इतने अपमान के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री इसी तरह चुप रहेंगे या उनकी तरफ से भी कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. चौथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस पूरे मामले पर क्या प्रतिक्रिया क्या होगी उस पर भी सभी की निगाहें हैं. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में अब विद्रोह का बिगुल बज गया है जिसे कैसे हैंडल किया जाएगा लोग अब इसकी चर्चा करने लगे हैं.
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