Mansih Sisodia Resigns: दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके विभागों का बंटवारा कर दिया है. मनीष सिसोदिया अभी जेल में हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया की जगह कौन लेगा, ये बड़ा सवाल है. आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं.


मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने बीते रविवार (26 फरवरी) को 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. सिसोदिया की गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति के मामले में की गई. सिसोदिया की गिरफ्तारी केजरीवाल के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. 


एजुकेशन मॉडल का चेहरा


सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री थे. मनीष सिसोदिया, दिल्ली के चर्चित एजुकेशन मॉडल का चेहरा रहे हैं. आम आदमी पार्टी उन्हें एक ऐसे चेहरे के रूप में पेश करती रही है, जिसने दिल्ली के स्कूलों की तस्वीर बदल दी है. सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के ब्रांड एजुकेशन को झटका लगा है जिसे लेकर वह दूसरे राज्यों में जा रही थी.


केजरीवाल का सबसे भरोसेमंद


उन्हें केजरीवाल का सबसे भरोसेमंद समझा जाता रहा है. अरविंद केजरीवाल ने एबीपी के आइडियाज ऑफ इंडिया कार्यक्रम में सिसोदिया से अपनी दोस्ती का जिक्र किया था. 


एबीपी के कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह जब भारतीय राजस्व सेवा में अधिकारी थे तो उन्होंने भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए एक वेबसाइट बनाई थी. मनीष सिसोदिया पहले शख्स थे जिसने वहां रजिस्ट्रेशन किया था. तब से ये दोस्ती चली आ रही है. जब सिसोदिया सीबीआई से पूछताछ के लिए रविवार को घर से निकले तो उन्होंने केजरीवाल से उनकी मां और पत्नी का ख्याल रखने को कहा था.


दिल्ली सरकार के पास कुल 33 विभाग हैं. इसमें से 18 विभाग मनीष सिसोदिया के पास थे. केजरीवाल सरकार में मनीष सिसोदिया की ताकत का अंदाजा लगाने के लिए ये काफी है. अब मनीष सिसोदिया जेल में हैं और उनके विभागों का बंटवारा हो चुका है. आइए इस बंटवारे से ही समझते हैं कि किसकी ताकत बढ़ी है.


सिसोदिया के बाद कौन?


अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के 18 विभागों का बंटवारा किया है. इनमें 10 विभाग राजकुमार आनंद को मिले हैं जबकि 8 विभाग कैलाश गहलोत के पास गए हैं. 


कैलाश गहलोत के पास जो विभाग गए हैं उनमें कैलाश गहलोत के पास वित्त, योजना, लोक निर्माण विभाग, पावर ए, गृह, यूडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, पानी शामिल हैं. वहीं, राजकुमार आनंद को शिक्षा, भूमि और भवन, जागरूकता, सेवाएं, पर्यटन, कला संस्कृति और भाषा, श्रम, रोजगार, स्वास्थ्य और इंडस्ट्रीज विभाग दिया गया है.


किसके पास सबसे ज्यादा विभाग?


कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद, दोनों दिल्ली सरकार में पहले से मंत्री हैं. कैलाश गहलोत के पास कानून, न्याय और विधानसभा मामले, परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व, महिला और बाल कल्याण विभाग पहले से थे. इस तरह कैलाश गहलोत के 8 नए विभागों को जोड़ लिया जाए तो ये संख्या 14 हो जाती है.


राजकुमार आनंद के पास पहले से गुरुद्वारा चुनाव, एससी और एसटी, सामाजिक कल्याण, कोऑपरेटिव विभाग थे. पहले के 4 विभाग और नए 10 विभागों को जोड़ दिया जाए तो राजकुमार आनंद के विभागों की संख्या भी 14 पहुंच जाती है.


कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के बाद केजरीवाल सरकार में अभी दो मंत्री गोपाल राय और इमरान हुसैन हैं. गोपाल राय के पास तीन विभाग हैं जबकि इमरान हुसैन के पास 2 का जिम्मा है. फिलहाल, दो नए मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी को भी कैबिनेट में शामिल किया जाना है. इसकी घोषणा हो चुकी है.


केजरीवाल ने किस पर जताया भरोसा


विभागों की संख्या देखें तो कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के पास बराबर 14-14 विभाग हैं. अगर महत्वपूर्ण विभाग की बात करें तो वित्त जैसा महत्वपूर्ण विभाग कैलाश गहलोत के पास गया है तो राजकुमार आनंद को दिल्ली का चर्चित शिक्षा विभाग मिला है. विभाग बंटवारे को लेकर माना जा रहा है कि केजरीवाल ने किसी को ऊपर करने के बजाय बैलैंस बनाने की कोशिश की है.


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