नई दिल्ली/जयपुर: पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से जारी राजस्थान कांग्रेस के सियासी संकट का पटापेक्ष हो गया है. ये सियासी समीकरण सोमवार को सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद संभव हुआ. नई दिल्ली स्थित राहुल गांधी के सरकारी आवास पर सोमवार को हुई मुलाकात लगभग दो घन्टे चली, इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं. राहुल गांधी और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट खत्म होने की कगार पर है और पायलट की सम्मानजनक घर वापसी का रास्ता लगभग तैयार हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक शुरू से ही प्रियंका गांधी सचिन पायलट के संपर्क में थीं.


सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से बात की


पायलट पर कार्रवाई और मामला अदालत में जाने के बाद बातचीत टूट गई थी लेकिन पिछले दिनों सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी से फिर बात की और जाहिर किया कि वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे. सोमवार को पायलट को राहुल से मिलने का समय मिला. सूत्रों के मुताबिक राहुल से मुलाकात में पायलट ने कहा कि उनका मतभेद गहलोत से है, कांग्रेस से नहीं. पायलट ने कहा कि उन्होंने कोई भी पार्टी विरोधी बयान नहीं दिया. पायलट की पूरी बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने उनसे कहा कि राजस्थान सरकार को कोई खतरा नहीं होना चाहिए जिस पर पायलट ने हामी भरी. बातचीत सकारात्मक रूप से खत्म होने के बाद राहुल और प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से भी बात की.


कांग्रेस ने जारी किया आधिकारिक बयान


कांग्रेस ने राहुल और सचिन की मुलाकात के बाद आधिकारिक बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी तकलीफ विस्तार से बताई. पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है. इस मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि तीन सदस्यीय कमिटी बनाई जाएगी जो सचिन पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों और नाराज विधायकों की बातों पर विचार कर उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी. इस बीच संभावना यह भी है कि पायलट को कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर कोई भूमिका भी दी जा सकती है.


पायलट खेमे के वरिष्ठ नेता गहलोत से मिलने पहुंचे


उधर राजस्थान में पायलट खेमे के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा सीएम अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे. सीएम से मुलाकात के बाद शर्मा ने कहा कि गहलोत पार्टी के मुखिया हैं और अब उनके अंदर किसी तरह की कोई नाराज़गी नहीं है. भंवर लाल शर्मा ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद कहा कि कोई कैंप नहीं था, न ही कोई कैद में था. भंवर लाल को कोई कैद नहीं कर सकता. मैं वहां अपनी मर्ज़ी से गया था, मैं यहां भी अपनी मर्ज़ी से आया हूं." मुलाकात को लेकर भंवर लाल शर्मा ने कहा, "मैं उनसे मिला. पार्टी एक परिवार की तरह है और अशोक गहलोत उसके मुखिया हैं. अगर परिवार में कोई नाराज़ होता है तो वो खाना, खाना बंद कर देता है. इसलिए मैंने एक महीने के लिए अपनी नाखुशी ज़ाहिर की. अब किसी तरह की कोई नाराज़गी नहीं है. पार्टी लोगों से किए सभी वादे पूरे करेगी.


सियासी विवाद के बाद पहली बार कैमरे के सामने आए पायलट


दिनभर की सारी हलचल के बाद सोमवार देर शाम सचिन पायलट पहली बार खुद कैमरों के सामने आए और अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा, "हम सभी ने मिलकर पांच साल तक मेहनत की और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाई और उस सरकार में हम सब भागीदार हैं. लेकिन जहां पर मुझे आपत्तियां थीं. जहां पर मुझे लगा कि अपनी बात रखना बहुत ज़रूरी है, तो कांग्रेस के समक्ष मैंने उस बात को रखा."


सचिन पायलट प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि आज कांग्रेस अध्यक्षा (सोनिया गांधी), पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने और प्रियंका गांधी जी ने, हम सभी ने विस्तार से आज चर्चा की. साथ ही जो हमारे साथी विधायक हैं, उन सभी की बातों को और चिंताओं को प्लैटफॉर्म पर रखा. पायलट ने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, पार्टी ने पद दिया है और पार्टी इसे वापस ले सकती है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियां की गईं, मेरा मानना है कि राजनीति में इस तरह की बयानबाजी का स्थान नहीं है.


पायलट ने इस बात की भी जानकारी दी है कि पार्टी की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि तीन सदस्यीय कमेटी तमाम मुद्दों को हल करेगी जो उनकी तरफ से उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, "जो सैद्धांतिक मुद्दे थे, गवर्नेंस के जो मुद्दे थे, मैं चाहता था वो मुद्दे सुने जाएं. ताकि पार्टी और सरकार उन वादों पर खरी उतर सके, जिन वादों को कर के हम सत्ता में आए थे."


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