नई दिल्लीः पाकिस्तान ने दुनिया और इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस के दबाव में भारतीय नगारिक कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर ऐक्सेस तो दे दिया लेकिन वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. जाधव से मुलाकात के बाद भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे थे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जाधव को सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराना अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश के प्रति पाकिस्तान की बाध्यता है. सरकार जाधव को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है.भारत ने कहा कि कॉन्सुलर सम्पर्क मुलाकात के दौरान कुलभूषण जाधव दबाव में नज़र आ रहे थे और वो दबाव में पाकिस्तान का रटाया पाठ पढ़ते दिखे. उनसे मुलाकात करने वाले राजनयिक गौरव अहलूवालिया से विस्तृत रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय आगे का कदम तय करेगा. वहीं विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कुलभूषण जाधव के परिवार से बात कर उन्हें आज के घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे थे. इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार जाधव को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है.
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की. साल 2016 में हिरासत में लिए जाने के बाद जाधव तक भारत की यह पहली राजनयिक पहुंच है. यह मुलाकात ‘अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुपालन में’ पाकिस्तान द्वारा सोमवार को जाधव को राजनयिक पहुंच की अनुमति दिए जाने के बाद हुई. भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोप में पाकिस्तान ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि यह मुलाकात एक घंटे तक चली.
कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों में जारी तनाव के बीच अहलूवालिया ने यहां एक उप-जेल में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव से मुलाकात की. वहीं, जाधव से मुलाकात करने से पहले, अहलूवालिया ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में मुलाकात की.
गौरतलब है कि 49 वर्षीय जाधव को ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जाएगी. यह मुलाकात दो अगस्त को अपराह्न तीन बजे होने वाली थी, लेकिन राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते यह बैठक नहीं हो सकी थी. भारत ने पाकिस्तान से जाधव तक ‘तत्काल, प्रभावी और निर्बाध’ राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की थी और वह कूटनीतिक माध्यमों से इस्लामाबाद के संपर्क में था.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आज उपलब्ध कराई गई राजनयिक पहुंच निर्बाध थी या नहीं, जैसी कि भारत ने मांग की थी. रविवार को फैसल ने ट्वीट किया था कि जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप दो सितंबर को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा हटाए जाने के चलते दोनों देशों में तनाव के बीच जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई है.
कश्मीर मुद्दे पर तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करते हुए सात अगस्त को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया था. आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुनर्विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान से पहुंचे थे. वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे. दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी और मां को उनसे मुलाकात की अनुमति दी थी, लेकिन यह मुलाकात शीशे के स्क्रीन के पीछे से कराई गई थी.