नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम एक पत्र जारी कर अपनी भावनाएं जनता तक पहुंचाई हैं. इस पत्र के अंत मे उन्होंने अथर्ववेद के श्लोक का जिक्र किया है. 'कृतम मे दक्षिणे हस्ते, जयो सव्य आहितः' यानी ,अगर पुरुषार्थ मेरे दाएं हाथ में है तो सफलता मेरे बाएं हाथ का खेल है. जो कठिन परिश्रम करते हैं , ईश्वर उन्हीं का सच्चा साथी है.


दरअसल 30 मई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हुआ. ऐसे समय पर एक साल पूरा हुआ है, जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में साफ कहा है कि कठिन परिश्रम से बड़ी से बड़ी समस्याओं पर विजय हासिल की जा सकती है.


संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा, "आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का."


पीएम मोदी ने आगे लिखा, "अगर सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में, मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं. बीते साल में आपके स्नेह, शुभाषीश और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है. इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है."


पीएम मोदी ने 2014 से 2019 के कार्यकाल के किया जिक्र


पीएम ने लिखा, "साल 2014 में आपने, देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था. उन पांच सालों में देश ने व्यवस्थाओं को जुड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है. उन पांच सालों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है."


प्रधानमंत्री ने पत्र में लिखा, "उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई. उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया."


बीता एक साल प्रधानमंत्री की नजर से


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम - राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है. बीते एक साल में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई है. देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरु किया गया है."


कोरोना के संकटकाल का किया जिक्र


पीएम ने अपने पत्र में कोरोना काल का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा, "ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है. निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो. हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है. इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं."


पीएम ने आगे लिखा, "हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए. इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है. जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है. यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है. ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है. अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है."


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