पॉप स्टार रिहाना की तरफ से किसान आंदोलन के बारे में मंगलवार को ट्वीट करने के एक दिन बाद बॉलीवुड की कई दिग्गज हस्तियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं जाहिर की हैं. इसके साथ ही, बॉलीवुड की इन हस्तियों ने हैशटैग इंडिया टूगेदर और हैशटैग इंडिया एगेंस्ट प्रोपगेंड के साथ ट्वीट करते हुए देश या देश की नीतियों के खिलाफ प्रोपगेंडा से सचेत रहने को भी आगाह किया है.
भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा का न बनें हिस्सा- अजय देवगन
इधर, बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन ने किसान आंदोलन के नाम पर विरोध करने वाले लोगों को आगाह करते हुए कहा कि वे किसी प्रोपगेंडा का हिस्सा ना बनें. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- ""भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ किसी भी प्रोपगेंड का हिस्सा ना बनें. किसी अंतर्कलह के बिना यह महत्वपूर्ण है कि एक साथ खड़े रहें."
सुनील शेट्टी बोले- आधी सच्चाई बेहद खतरनाक
एक्टर सुनील शेट्टी ने ट्वीट करते हुए कहा- "हमे पूरी चीजों को हमेशा व्यापक तौर पर देखना चाहिए क्योंकि आधी सच्चाई से ज्यादा खतरनाक और कुछ नहीं हो सकता है." जबकि, करन जौहर ने लिखा है- हम मुश्किल वक्त में रह रहे हैं और इस वक्त की जरूरत है ये है हर मोड़ पर धैर्य बनाए रखे. एक साथ आएं और समाधान के लिए हर प्रयास करें- किसान भारत के रीढ की हड्डी हैं. हमें किसी को बांटने न दें.
अक्षय कुमार बोले- समाधान के हो रहे प्रयास
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने कहा कि किसान हमारे देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि मुद्दों के समाधान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. किसी की तरफ से मतभेद पैदा करने पर ध्यान देने की जगह आपसी समाधान का समर्थन किया जाना चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने किया आगाह
गौरतलब है कि भारत ने किसानों के प्रदर्शन पर पॉप गायिका रिहाना सहित विदेशों की मशहूर हस्तियों एवं अन्य लोगों की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है.
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना, स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी अभिनेत्री अमांडा केरनी, अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस सहित कई मशहूर हस्तियों ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में ट्वीट किये हैं. मंत्रालय ने कहा है कि कुछ निहित स्वार्थी समूह प्रदर्शनों पर अपना एजेंडा थोपने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में पूरी चर्चा के बाद पारित कृषि सुधारों के बारे में देश के कुछ हिस्सों में किसानों के बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं.
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