आंदोलनजीवियों को 'अपवित्र' कहने के चलते पीएम मोदी पर भड़क उठी कांग्रेस, पूछे ये तीन सवाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए नए कृषि कानूनों को लेकर विरोधियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा- ''आंदोलन का नया तरीका है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से बुधवार को लोकसभा में आंदोलन को 'पवित्र' कहने और आंदोलनजीवियों की तरफ से इसे 'अपवित्र' करने की बात कहना कांग्रेस को बेहद नागवार गुजरी. इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा- जुमलाजीवी ने किसान आंदोलन को पवित्र और आंदोलनकारियों को आंदोलनबाजों से अलग कहा.
इसके साथ ही सुरजेवाला ने तीन सवाल पूछे-
1- सरकार अब तक किससे बात कर रही थी-आंदोलनकारियों से या आन्दोलनबाजों से?
2- मोदी के वार्ताकार किसे बेवकूफ बनाते रहे- आंदोलनकारीयों को या आन्दोलनबाजों को?
3- इतना फर्जीवाडा कहाँ से लाते हैं साहेब?
जुमलाजीवी ने किसान आंदोलन को पवित्र और आंदोलनकारीयों को आन्दोलनबाजों से अलग कहा। सवाल है कि सरकार अब तक किससे बात कर रही थी-आंदोलनकारियों से या आन्दोलनबाजों से? मोदी के वार्ताकार किसे बेवकूफ बनाते रहे- आंदोलनकारीयों को या आन्दोलनबाजों को? इतना फर्जीवाडा कहाँ से लाते हैं साहेब?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 10, 2021
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए नए कृषि कानूनों को लेकर विरोधियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा- ''आंदोलन का नया तरीका है. आंदोलनकारी ऐसे तरीके नहीं अपनाते हैं, आंदोलनजीवी ही ऐसे तरीके अपनाते हैं. उनका कहना होता है कि ऐसा होगा तो ऐसा हो जाएगा. जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है. यह चिंता का विषय है. यह देश के लिए चिंता का विषय है.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ''जब तथ्यों के आधार पर बात नहीं टिकती है तो ऐसा हो जाता है जो अभी हुआ है. आशंकओं को हवा दी जाती है. माहौल आंदोलनजीवी पैदा करते हैं. किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है. यह जरूरी है. जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने के लिए निकलते हैं तो क्या होता है?''
जाहिर है नए कृषि सुधार कानून के बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक दूसरे पर निशान साध रहे हैं और कहीं ना कहीं इस बहाने सियासत भी हो रही है.
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