23 साल पुरानी दोस्ती टूटने के बाद हरसिमरत कौर बोलीं- यह वाजपेयी-बादल वाला एनडीए नहीं
शनिवार रात को अकाली दल ने चंडीगढ़ में पार्टी की मीटिंग के बाद एनडीए से बाहर आने का फैसला किया. हरसिमरत कौर ने कहा कि विरोध के बावजूद भारत सरकार का दिल नहीं पसीज रहा तो ये वो एनडीए नहीं है
![23 साल पुरानी दोस्ती टूटने के बाद हरसिमरत कौर बोलीं- यह वाजपेयी-बादल वाला एनडीए नहीं after quting nda harsimrat kaun badal says it not the bajpayee and prakahs singhnda. 23 साल पुरानी दोस्ती टूटने के बाद हरसिमरत कौर बोलीं- यह वाजपेयी-बादल वाला एनडीए नहीं](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/18130941/Harsimrat-Kaur-Badal.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: किसान बिल के मुद्दे पर एनडीए से अलग होने के बाद अकाली दल ने अब एनडीए और बीजेपी पर हमला करना शुरू कर दिया है. एडीए छोड़ने से पहले कैबिनेट से इस्तीफे देने वाली हरसिमरत कौर बादल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर एनडीए पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये वो एनडीए नहीं है जिसकी कल्पना अटल बिहारी वाजपेयी और प्रकाश सिंह बादल ने की थी.
हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया, ''यदि तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और विरोध के बावजूद भारत सरकार का दिल नहीं पसीज रहा तो ये वो एनडीए नहीं है जिसकी कल्पना अटल बिहारी वाजपेयी और प्रकाश सिंह बादल ने की थी. ऐसा गठबंधन जो अपने सबसे पुराने सहयोगी की बात नहीं सुनता और पूरे देश का पेट भरने वाले वालों से नजरें फेर लेता है तो ऐसा गठबंधन पंजाब के हित में नहीं है.''
इस्तीफा देने के बाद क्या बोलीं थीं हरसिमरत कौर हरसिमरत कौर ने कहा था कि इस्तीफा देना मजबूरी नहीं जरूरी था. एक मंत्री होने के नाते मैंने हमेशा ये समझा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए चुन के भेजा है. लोगों की आवाज संसद तक पहुंचाना फर्ज है.
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार किसानों को मना नहीं पा रही है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने किसानों के लिए बहुत सारे काम किए हैं लेकिन इस मुद्दे पर मना नहीं पाई. सरकार किसानों को विश्वास में नहीं ले सकी और वो मोदी सरकार को नहीं समझा पाईं. उन्होंने कहा कि वे किसानों से माफी मांगती हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “जब मेरे पास ये सवाल आया कि मैं सरकार का साथ दूं या किसानों का तो मेरे लिए बिल्कुल साफ था कि मैं उनका साथ दूंगी जिनकी वजह से मैं यहां तक पहुंची हूं. सरकार जिनके लिए ये कर रही है जब उनको ही ये ठीक नहीं लग रहा तो मेरा फर्ज है कि मैं उनके साथ लड़ूं.”
किसानों के मुद्दे पर अकाली ने छोड़ा बीजेपी का साथ शनिवार रात को अकाली दल ने चंडीगढ़ में पार्टी की मीटिंग के बाद एनडीए से बाहर आने का फैसला किया. अकाली दल ने अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में एनडीए से अलग होने का निर्णय ले लिया. पार्टी की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि बीजेपी नीत एनडीए से पार्टी नाता तोड़ रही है. इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा कानूनी तौर पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी न देने की जिद और पंजाबी और सिखों के मुद्दे पर असवेंदनशीलता है. गौरतलब है कि अकाली दल बीजेपी का पुराना सहयोगी था. पंजाब में दोनो मिलकर सरकार भी चला चुके हैं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)