VVIP विमान खरीद प्रक्रिया को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना, अब आई है ये खबर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर संकट के समय फिजूलखर्ची करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वक्त B-777 विमानों की कोई जरूरत नहीं थी. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि इन विमानों की खरीद की डील कांग्रेस के शासनकाल में ही हुई थी.
नई दिल्ली: दो वीवीआईपी विमान खरीदने की प्रक्रिया संप्रग सरकार (यूपीए) के तहत शुरू हुई थी और मौजूदा सरकार ने इसे तार्किक अंजाम तक पहुंचाया है. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह जवाब तब आया है जब इन विमानों की खरीद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र की बीजेपी नीत सरकार पर हमला बोला.
सूत्रों ने उल्लेख किया कि वीवीआईपी विमान खरीद की कवायद 2011 में शुरू हुई थी और अंतर मंत्री समूह ने 10 बैठकों के बाद 2012 में अपनी सिफारिशें सौंपी थीं. उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की अन्य अधिकतर पहलों की तरह शायद वह इस प्रक्रिया से भी पल्ला झाड़ना चाहते हैं. कृषि कानूनों के विरोध में अपने पंजाब दौरे के समय कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री विमान खरीदने पर हजारों करोड़ रुपये बर्बाद कर रहे हैं.
गांधी का ध्यान जब इस ओर दिलाया गया कि ट्रैक्टर में गद्दे पर बैठने को लेकर बीेजेपी उनकी निन्दा कर रही है तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के एअर इंडिया वन में न सिर्फ गद्दा है, बल्कि उनके आराम के लिए कई शानदार बिस्तर हैं. उन्होंने मीडिया से पूछा, ‘आप इस बारे में उनसे सवाल क्यों नहीं करते.’
कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए सरकारी सूत्रों ने कहा कि वह संप्रग सरकार का अनादर करने के हकदार हैं, लेकिन खुद के अपने तथ्यों के हकदार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये दो विमान प्रधानमंत्री के विमान नहीं हैं, जैसा कि गांधी ने बताया है, बल्कि इनका इस्तेमाल अन्य वीवीआईपी के लिये भी होगा. उन्होंने कहा कि ये विमान भारतीय वायु सेना के हैं, न कि प्रधानमंत्री के. सरकारी सूत्रों ने कहा कि संप्रग सरकार के तहत शुरू हुई कवायद को बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने सिर्फ तार्किक अंजाम तक पहुंचाया है.
उन्होंने उल्लेख किया कि वीवीआईपी यात्राओं के लिए अब तक इस्तेमाल किए जाते रहे एअर इंडिया के जंबो जेट विमान 25 साल से अधिक पुराने हैं. वे लंबी अटलांटिक पार उड़ानों में अक्षम हैं जिसके चलते उन्हें ईंधन भरने जैसे उद्देश्यों के लिए बीच में रास्ते में रुकना पड़ता है. पिछले सप्ताह अमेरिका से एक बी-777 विमान नई दिल्ली पहुंचा था जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं के लिए किया जाएगा. वीवीआईपी यात्रा के लिए एक अन्य बी-777 विमान बाद में भारत पहुंचेगा.अधिकारियों ने कहा कि दोनों जहाजों की खरीद और इनमें आवश्यकता के हिसाब से बदलाव की कुल कीमत लगभग 8,400 करोड़ रुपये है.
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