आतंकवादियों की खैर नहीं! गांव वालों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने जा रही है CRPF
Jammu Kashmir CRPF: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से निपटने के लिए अब गांव वालों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने जा रही है CRPF. राजौरी में आतंकवादियों के भीषण हमले के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है.
CRPF training to VDC in J&K: आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए सीआरपीएफ (CRPF) अब जम्मू-कश्मीर के गांव वालों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने जा रही है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के राजौरी में आतंकवादियों की बड़ी टारगेट किलिंग के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है.
सीआरपीएफ के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों की विलेज डिफेंस कमेटी (VDC) के सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये ट्रेनिंग उन वीडीसी सदस्यों को दी जाएगी जिनके पास खुद का कोई हथियार है और हथियार चलाने का लाइसेंस भी है. अधिकारी ने साफ तौर से कहा कि सीआरपीएफ और सरकार वीडीसी के सदस्यों को हथियार नहीं मुहैया कराएगी. ये ट्रेनिंग उन लोगों को दी जाएगी जिनके पास पहले से कोई हथियार है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य पुलिस भी वीडीसी सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देगी.
वीडीसी को मजबूत कर रही सरकार
दरअसल, 1 जनवरी को जब आतंकियों ने राजौरी के धांगरी गांव में 3 घरों पर अंधाधुंध फायरिंग की तो वहां मौजूद वीडीसी सदस्य, बाल किशन ने अपनी .303 राइफल से मुकाबला किया था. बाल किशन की फायरिंग के बाद आतंकी वहां से फरार हो गए थे. लेकिन इस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अगले दिन ही आतंकियों द्वारा वहां लगाई गई आईईडी (ब्लास्ट) में दो लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में एक मासूम बच्चा भी था. बाल किशन की बहादुरी को देखते हुए ही सरकार ने वीडीसी को मजबूत करने का निर्णय लिया है ताकि जरूरत पड़ने पर आतंकवादियों से मुकाबला किया जा सके.
यहां सीआरपीएफ की 18 कंपनियों को भेजा गया
1-2 जनवरी की आतंकी घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीआरपीएफ की 18 कंपनियों (करीब 1800 जवानों) को भेजने का फैसला किया है. ये कंपनियां कश्मीर घाटी की तरह ही जम्मू-क्षेत्र के राजौरी और पुंछ जिलों में रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) और सड़कों पर नाका लगाने में जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद करेंगी.