भविष्य में क्रिकेट में भगवान की नहीं बल्कि देवियों की पूजा होगी: सुरेश प्रभु
नई दिल्ली: आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व 2017 में अपना जौहर दिखाने वाली, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों में दो तिहाई खिलाड़ी भारतीय रेलवे में काम करती हैं. इन खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु बेहद खुश हैं और ‘गौरवान्वित पिता’ की तरह महसूस कर रहे हैं.
आईसीसी विश्व कप में उप विजेता रही मिताली राज की कप्तानी वाली टीम के सम्मान समारोह में प्रभु ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में लोग पूछेंगे कि क्या पुरूष भी क्रिकेट खेलते हैं!
प्रभु ने कहा, ‘‘क्रिकेट को पहले केवल पुरूष क्रिकेट के रूप में जाना जाता था लेकिन अब समय तेजी से बदल रहा है और हो सकता है कि 20 से 30 साल बाद कोई यह सोचे कि ‘अच्छा, पुरूष भी क्रिकेट खेलते हैं!’
उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में बहुत बड़ी उपलब्धि है जिससे पूरा देश खुश है. आपने कप नहीं जीता लेकिन आप लोग दिल जीतने में सफल रही.’’ प्रभु ने इस अवसर पर मिताली से पूछे गये उस सवाल और फिर उनके जवाब का भी जिक्र किया जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनका पसंदीदा पुरूष क्रिकेटर कौन है. मिताली ने इसके जवाब में कहा था, ‘क्या कभी आपने किसी पुरूष क्रिकेटर से पूछा है कि उनकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है?’’
प्रभु को लगता है कि महिला टीम की सफलता ‘पुरूष क्रिकेटरों के लिये चेतावनी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कृपया सतर्क रहो. लोग अब ज्यादा से ज्यादा महिला क्रिकेट देख रहे हैं. पुरूष क्रिकेटरों को भगवान की तरह पूजा जाता है लेकिन अब महिलाएं भी क्रिकेट में हैं और भविष्य में क्रिकेट में भगवान नहीं बल्कि देवियों की पूजा होगी. ’’ बता दें कि कप्तान मिताली राज और उप कप्तान हरमनप्रीत कौर सहित भारतीय टीम की दस खिलाड़ी अभी रेलवे में कार्यरत हैं.