सीट शेयरिंग पर बन गई बात? सुप्रिया सुले के बाद नाना पटोले का बड़ा बयान
Nana Patole : महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा है कि 15-16 जनवरी यह डिटेल शेयर कर सकेगी, उनका कौन सा उम्मीदवार किस जगह से लड़ेगा.
Nana Patole on Seat Sharing: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार (1 जनवरी) को कहा कि आगामी चुनावों के लिए सीट आवंटन को लेकर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) में कोई मतभेद नहीं है. पटोले ने यह भी कहा कि (लोकसभा चुनाव 2024 के वास्ते) टिकटों के वितरण के लिए 'जीतने की क्षमता' मानदंड होगी.
पटोले ने संवाददाताओं से कहा, 'शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीट के आवंटन पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी का लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में हराना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी को साथ लेकर बीजेपी से लड़ना चाहती है.
'सीट बंटवारे पर बात बनी'
इससे पहले महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि 7-8 दिन में यह साफ हो जाएगा कि महाविकास अघाड़ी का कौन सा कैंडिडेट कहां से चुनाव लड़ेगा? सुले ने कहा, "15 दिन पहले दिल्ली में सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच एक बैठक हुई थी. उस बैठक में सीट बंटवारे के बारे में बहुत सी बातें साफ की गईं."
उम्मीदवार कर रहे हैं मेहनत
उन्होंने कहा कि अगले 7-8 दिन में यह साफ हो जाएगा कि महाविकास अघाड़ी का कौन सा कैंडिडेट कहां से चुनाव लड़ेगा? आपको (मीडिया) इसकी जानकारी भेज दी जाएगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल पार्टी के उम्मीदवार अपनी मेहनत कर ही रहे हैं.
इससे पहले एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा था कि अगले एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी. इसको लेकर दिल्ली में तीनों पार्टियों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक हो चुकी है.
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. यहां बीजेपी, शिवसेना (शिंदे समूह) और एनसीपी (अजित पवार समूह) का गठबंधन है, जबकि इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (ठाकरे समूह) और एनसीपी (शरद पवार समूह) यहां एक साथ चुनाव लड़ेगा.
इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र में 23 सीटों पर लड़ने की मांग रखी थी, जिसे कांग्रेस ने मानने से इनकार कर दिया था. उद्धव गुट ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उनके उम्मीदवारों ने काफी सीटें जीतीं थी. वहीं, कांग्रेस का दावा है कि अब हालात बदल चुके हैं और एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना में बगावत होने के बाद कांग्रेस ही राज्य में सबसे पुरानी पार्टी बची है.