मुंबई: शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एन0सीपी) में फिलहाल सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के बड़े नेता धीरे-धीरे पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं. पार्टी के संस्थापक सदस्य तारिक अनवर के पार्टी से इस्तीफे के बाद अब पार्टी के महासचिव मुनाफ हकीम ने भी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष मुनाफ हकीम ने दावा किया कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी को लेकर शरद पवार ने जो बयान दिया है, उसके बाद पार्टी की छवि का बचाव करना मुश्किल है.


बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इरादों को लेकर लोगों को कोई शक नहीं है.


हकीम ने कहा कि उन्होंने पार्टी के सहकर्मी और लोकसभा सदस्य तारिक अनवर की राह पर चलते हुए इस्तीफा दिया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी के और भी कार्यकर्ता उनके इस कदम का अनुसरण कर सकते हैं और पार्टी का साथ छोड़ सकते है. हकीम ने कहा कि शरद पवार ने कभी भी कट्टरपंथी ताकतों का समर्थन नहीं किया है, वो कैसे कह सकते हैं कि नरेंद्र मोदी राफेल मामले में लोगों के मन में दोषी नहीं हैं? मामले की जांच के लिए अभी तक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन नहीं किया गया है.


उन्होंने कहा कि तारिक अनवर पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे. राफेल पर पार्टी का रूख सार्वजनिक करने से पहले उनसे सलाह-मशवरा नहीं किया गया. ऐसे में राफेल मामले में मोदी का शरद पवार की तरफ से समर्थन किए जाने के बाद पार्टी की छवि का बचाव करना मुश्किल है.


तारिक अनवर ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देने की वजह बताई. अनवर ने कहा कि राफेल सौदे पर मोदी का एनसीपी प्रमुख की ओर से बचाव करने के बाद उन्होंने पार्टी और लोकसभा की सदस्यता (कटिहार सीट) से इस्तीफा दिया है. इससे पहले एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने गुरूवार को कहा था कि शरद पवार के बयान पर मीडिया में आई खबरें भ्रामक और गुमराह करने वाली हैं.