इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करना अब आसान हो जाएगा. नए एक्ट के मुताबिक, शादी करने वाले जोड़े को अब 30 दिन पहले नोटिस देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जज विवेक चौधरी ने ये फैसला सुनाया.


स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करने वाले जोड़े अब अगर अपने पार्टनर के बारे में जानकारी लेने चाहते हैं तो सेक्शन 6 का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, अपनी मर्जी से नोटिस लगवाने के विकल्प भी चुन सकते हैं.


शादी के लिए आपसी सहमति ज़रूरी


इसके अलावा अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, इस तरह का कदम सदियों पुराना है, जो युवा पीढ़ी पर क्रूरता और अन्याय करने जैसा है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जस्टिस विवेक चौधरी ने ये टिप्पणी की. आपको बता दें कि, साफ़िया सुलतान की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कोर्ट ने ये आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अब नोटिस ऑप्शनल होगा और शादी करने वाले जोड़े के अनुरोध पर ही मैरिज ऑफिसर आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा. कोर्ट ने कहा कि जोड़े को शादी के लिए अपना परिचय, उम्र, आपसी सहमति के बारे में पहले बताना होगा.


जानिए क्या था पूरा मामला 


पिछले महीने सफिया सुल्तान ने हिन्दू धर्म अपनाकर पूरे रीति-रिवाज से अभिषेक कुमार पांडेय नाम के शख्स से शादी की थी. इसके बाद युवती ने अपना नाम बदलकर सिमरन रख लिया था. इससे पहले कोर्ट ने 14 दिसंबर इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून लागू कर दिया था. इसके बाद से यूपी में 16 मामले दर्ज किए गए हैं.


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