देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) को पिछले करीब एक महीने से झटके पर झटके लग रहे हैं. गुजरात में हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने साथ छोड़ा तो पंजाब में सुनील जाखड़ (Sunil Jakhad) ने. और तो और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. रही सही कसर देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा की 16 राज्य सभा सीटों पर हुए चुनाव ने पूरी कर दी. इस चुनाव में बीजेपी ने राजनीतिक कमाल दिखाते हुए तीन राज्यों में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है.


पिछले महीने 13 मई से लेकर 15 मई तक कांंग्रेस ने राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया था. लेकिन पार्टी को इसका कोई फायदा नहीं मिला. आयोजन के दस दिन बाद ही कांग्रेस को झटके पर झटके लगने लगे और पार्टी इससे उबर नहीं पाई. यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी में मंथन हुआ. चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पार्टी की मजबूती को लेकर कई सुझाव दिए, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं हुआ.


पहला झटका-


पंजाब के बड़े नेता सुनील जाखड़ ने कांग्रेस चिंतन शिविर के बीच ही अपना इस्तीफा दे दिया था. जाखड़ लंबे समय से पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने 50 साल का नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मेरी राष्ट्रवादी आवाज पर पाबंदी लगाने की कोशिश की थी.


दूसरा झटका-


गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन इससे पहले ही पाटीदार नेता और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी. हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली. हार्दिक ने सोनिया गांधी के नाम एक चिट्ठी भी लिखी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को सिर्फ विरोध की राजनीति करने वाली पार्टी बताया, वहीं आर्टिकल 370, राम मंदिर और सीएए-एनआरसी जैसे मुद्दों का जिक्र कर बीजेपी सरकार की तारीफ की.


तीसरा झटका-


कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्बल के तौर पर लगा है. सिब्बल ने अचानक खुलासा करते हुए बताया कि वो कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं. कपिल सिब्बल फिलहाल समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा गए हैं. कपिल सिब्बल कांग्रेस के नाराज ग्रुप जी-23 का हिस्सा थे, वो पार्टी की लीडरशिप को लेकर लगातार सवाल उठा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.


चौथा झटका-


पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज कुमार वेरका, बलबीर सिंह सिद्धू, सुंदर शाम अरोड़ा और गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. मोहाली से तीन बार विधायक रहे बलबीर सिद्धू पिछली कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, जबकि रामपुरा फूल से तीन बार विधायक रहे गुरप्रीत कांगड़ राजस्व मंत्री थे. वेरका, माझा क्षेत्र के प्रमुख दलित नेता हैं और तीन बार विधायक भी रहे हैं. होशियारपुर के पूर्व विधायक सुंदर शाम अरोड़ा पिछली कांग्रेस सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे. ये सभी चारों नेता 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव हार गए थे.


पांचवा झटका-


कांग्रेस ने आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के खिलाफ खुलेआम क्रॉस वोटिंग करने के बाद पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया. हरियाणा में कांग्रेस के दो विधायकों ने क्रॉस वोट किया, इसलिए पार्टी उम्मीदवार को 31 में से केवल 29 वोट मिले और बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने उन्हें मामूली अंतर से हराया.


क्षेत्रीय स्तर पर भी लगे झटके



  • अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महिला मोर्चा की सचिव लता बेन भाटिया भी आप में शामिल हो गई.

  • मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सिंह सलूजा ने संगठन में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.

  • चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन और उसके बाद से नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने से दुखी कांग्रेस के चंडीगढ़ अध्यक्ष सुभाष चावला ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया.


देश में सिर्फ दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार


सोचने वाली बात ये है कि चिंतन शिविर के जरिए साल 2024 के लोकसभा चुनाव का रोड मैप तैयार करने वाली कांग्रेस में नेताओं के इस्तीफे देने का यही हाल रहा तो प्रदेशों में तो उसके पास नामी चेहरों का तो अकाल ही पड़ जाएगा. देश के सियासी नक्शे पर गौर करें तो सिर्फ दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में वह महज एक भागीदार है.


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