नई दिल्ली: लिंचिंग के दोषियों का माला पहनाकर स्वागत करने वाले केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि किसी भी तरह की हिंसा निंदनीय है. उन्होंने ये बयान उस विवाद को शांत करने के लिए दिया है जो रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को माला पहनाने के बाद हुआ था. जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर दोषियों के स्वागत करने के अपने कृत्य का बचाव करते हुए लोगों से बेल ऑर्डर पढ़ने की अपील दी.


एक इवेंट के दौरान सिन्हा ने कहा, "भले ही मैंने उन्हें अपने घर बुलाया हो, लेकिन मैं हर तरह की हिंसा की निंदा करता हूं और गोरक्षा से जुड़ी हिंसा की भी निंदा करता हूं...कानून को अपना काम करने दिया जाए. दोषियों को ज़रूर सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन हमें ये भी तय करना होगा कि सभी को न्याय मिले."


उन्होंने आगे कहा कि वो अपनी स्थिति साफ कर देना चाहते हैं...लिंचिग के दोषियों का उनके घर आने का ये मतलब नहीं है कि वो उनका समर्थन करते हैं. उन्होंने उनकी आलोचना करने से पहले लोगों से बेल ऑर्डर पढ़ने की अपील करते हैं.


लिंचिंग के आरोपियों को मिली बेल
झारखंड हाई कोर्ट ने सभी दोषियों की सज़ा को सस्पेंड करते हुए उन्हे बेल दी है. इन आठों को एक ट्रायल कोर्ट ने 40 साल के व्यापारी अलिमुद्दीन अंसारी की लिंचिंग कर हत्या करने के मामले में उम्र कैद की सज़ा दी थी. 29 जून, 2017 की इस घटना में गो-हत्या के शक में इन लोगों ने उन्हें मार दिया था.


पिता ने की सिन्हा की गंभीर आलोचना





सिन्हा के पिता और पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने इस मामले में अपने बेटे की घोर आलोचना की है. उन्होंने तो ट्वीट करके यहां तक कह दिया कि पहले वो एक लायक बेटे के नालायक बाप थे, लेकिन अब ये बिल्कुल उल्टा है.

माला पहनाकर फंसे थे सिन्हा
बीती छह जुलाई को सिन्हा तब विवादों के घेरे में आ गए जब इन आरोपियों के स्वागत में माला पहनाती उनकी तस्वीरें वायरल हो गईं. झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद ये आठों सिन्हा से मिलने आए थे. विवादों में फंसने के बाद सिन्हा ने कहा था कि वो न्यायित प्रक्रिया का सम्मान करते हैं.