अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की हार के बाद शाह ने कहा- ये 2019 चुनाव की झलक है
अमित शाह ने विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार की यह जीत लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है.’’ उन्होंने कहा कि ‘वंशवाद की राजनीति, नस्लवाद और तुष्टीकरण’ को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की एक बार फिर गरीब पृष्भूमि से आने वाले प्रधानमंत्री को लेकर नफरत उजागर हो गई है.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में विपक्ष को मिली हार 2019 लोकसभा चुनाव की महज एक ‘झलक’ है और यह मोदी सरकार और उसके मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ में लोगों के भरोसा को दिखाता है. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के नतीजे लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है.
लोकतंत्र की जीत शाह ने विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार की यह जीत लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है.’’ उन्होंने कहा कि ‘वंशवाद की राजनीति, नस्लवाद और तुष्टीकरण’ को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की एक बार फिर गरीब पृष्भूमि से आने वाले प्रधानमंत्री को लेकर नफरत उजागर हो गई है.
जनता के विश्वास में अविश्वास जताने वालों के अहंकार की आज लोकसभा में जो हार हुई है वह 2019 लोकसभा चुनावों के नतीजों की एक झलक मात्र है।"सबका साथ-सबका विकास" के अपने मंत्र के साथ सेवार्थ मोदी सरकार में न सिर्फ सदन के सहयोगियों का विश्वास है बल्कि देश की जनता का भी पूर्ण विश्वास है। pic.twitter.com/C9wsIbeiSa
— Amit Shah (@AmitShah) July 20, 2018
सरकार पर देश का पूरा भरोसा उन्होंने कहा, ‘‘बिना बहुमत और कोई उद्देश्य ना होने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ उद्देश्यहीन प्रस्ताव लाकर ना केवल अपने राजनीतिक दिवालियेपन का परिचय दिया है बल्कि उसने लोकतंत्र को कुचलने के अपने पुराने इतिहास को भी दोहराया है. सरकार के पास देश का पूरा भरोसा है.’’
मोदी सरकार ने जीता अविश्वास प्रस्ताव आपको बता दें कि मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया है. सरकार को 325 वोट मिले, वहीं विपक्ष के खाते में सिर्फ 126 वोट आए. सदन में वोटिंग के दौरान 451 सांसद मौजूद थे. बीजेडी और शिवसेना के सांसद सदन से गैरहाजिर रहे. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की हालत एकदम खराब दिखी. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.