The Kerala Story Telecast: द केरल स्टोरी की स्क्रीनिंग के बाद केरल के चर्च में दिखाई गई मणिपुर हिंसा से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री, बोले- वो प्रोपेगेंडा था
The Kerala Story Telecast In Church: सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च में ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन के बाद एर्नाकुलम-अंगामाली डायोसीज के तहत एक चर्च में मणिपुर हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई है.
The Kerala Story Telecast : केरल के चर्चों में अब द केरल स्टोरी को लेकर जंग छिड़ी है. सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के इडुक्की डायोसीज की ओर से विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन के बाद एर्नाकुलम-अंगामाली डायोसीज के तहत एक चर्च ने बुधवार (10 अप्रैल) को उसकी अवकाशकालीन धार्मिक शिक्षा कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों को मणिपुर हिंसा पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई है.
इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. दूरदर्शन पर द केरल स्टोरी के टेलीकास्ट के बीच चर्च की ओर से ऐसी ही एक स्टोरी के प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
स्टूडेंट्स के बीच प्रदर्शित हुई डॉक्यूमेंट्री
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में हिंसा पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘क्राई ऑफ द ऑप्रेस्ड’ को प्रभावशाली सिरो मालाबार कैथोलिक चर्च के तहत संजोपुरम सेंट जोसेफ चर्च में लगभग 125 छात्रों के लिए प्रदर्शित की गई. चर्च के पादरी फादर जेम्स पानावेलिल ने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ एक दुष्प्रचार के लिये बनाई गई फिल्म है और इसे चर्च की ओर से प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.
पादरी ने कहा- मणिपुर हिंसा को नहीं भूलना है
पादरी ने कहा, “मेरा विचार था कि ऐसी प्रचार फिल्म बच्चों की कक्षा में नहीं होनी चाहिए. अगर हम ऐसा करेंगे तो हम भी उस दुष्प्रचार का हिस्सा बन जायेंगे, तो उस विवाद से दूर रहने और मणिपुर में हुई हिंसा को न भूलने का संदेश देने के लिए 15 मिनट लंबी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई .”
फादर पनावेलिल ने आगे कहा कि मणिपुर में जो हुई वह कोई अतिशयोक्ति या झूठ या ऐसा कुछ नहीं था जो हुआ ही नहीं. उन्होंने कहा, “यह कुछ ऐसा था जो घटित हुआ और स्वयं चर्च नेतृत्व ने इसकी निंदा की तो डॉक्यूमेंट्री दिखाने में गलत क्या है? साथ ही, हम जानते हैं कि ‘द केरल स्टोरी’ को दिखाने की आवश्यकता नहीं थी.”
'लोकसभा चुनाव के दौरान डॉक्यूमेंट्री टेलिकॉस्ट ठीक नहीं'
पादरी ने ‘द केरल स्टोरी’ का जिक्र करते हुए कहा, “जहां तक मेरा सवाल है, चर्च को दुष्प्रचार फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, खासकर चुनाव के दौरान.” एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’,” ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह संघ परिवार का एक सुनियोजित एजेंडा या दुष्प्रचार थी और आम लोग यह जानते हैं.
उन्होंने कहा कि वह उन लोगों की आस्था या प्रतिबद्धता पर टिप्पणी नहीं करेंगे, जिन्होंने सुदीप्तो सेन की विवादास्पद फिल्म दिखाई थी. यह फिल्म पिछले साल सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी और जिसकी कहानी केरल की महिलाओं के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है. इन महिलाओं को धर्म बदलकर इस्लाम में परिवर्तित होने और आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था.
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