दिल्ली की सबसे पुरानी पब्लिक लाइब्रेरी के नवीकरण के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने किया उद्घाटन
इस मौके पर बीजेपी के पूर्व सांसद विजय गोयल, दिल्ली प्रदेश अध्य्क्ष आदेश गुप्ता और तीनों नगर निगम के मेयर भी मौजूद रहे.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सबसे पुरानी लाइब्रेरी हरदयाल म्युनिसिपल हेरिटेज लाइब्रेरी दिल्ली के चांदनी चौक में है, जिसके नवीकरण का काम पिछले तकरीबन 1 साल से चल रहा था. काम पूरा होने पर डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज इसका उद्घाटन किया. साथ ही बीजेपी के पूर्व सांसद विजय गोयल, दिल्ली प्रदेश अध्य्क्ष आदेश गुप्ता और तीनों नगर निगम के मेयर भी मौजूद रहे. इस मौके पर लाइब्रेरी के इतिहास के साथ साथ डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना से जुड़े सुझाव भी लोगों को दिए. जिसमें मास्क कितना जरूरी है इस बारे में बताते हुए खुद मास्क लगाए रहने का उदाहरण भी दिया.
डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस मौके पर कहा कि कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर बहुत ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि 1.5 साल में कभी मास्क मेरे नाक से नीचे नहीं देखा होगा, और मैं घर में भी मास्क लगाता हूं. क्योंकि बाहर बहुत लोगों से एक्सपोज़र होता है. मास्क को हर समय सही तरह से पहनना, हाथ धोते रहना. लॉकडाउन के बाद अब थोड़ा खुला है, धीरे धीरे प्रीकॉशन के साथ खुल रहा है. नया स्ट्रेन जो तेज़ी से फैलता है वह बड़ा कारण है कोरोना फैलने का. लेकिन बड़े बड़े फंक्शन करना, मास्क ना लगाना भी कारण है. 1 लाख से कम केस हो गए हैं. आने वाले समय के लिए भी प्रीकॉशन लेना हमारे लिए बहुत ज़रुरी है.
लाइब्रेरी के इतिहास के बारे में डॉक्टर हर्षवर्धन ने बात करते हुए लाइब्रेरी में काम करने वाले लोगों के काम को भी सराहा. हरदयाल पुस्तकालय में महाभारत है जिसको फ़ारसी में लिखा गया था, जो कि अबुल फजल ने लिखी थी. इस लाइब्रेरी की किताबों को डिजिटआइज़ किया जा रहा है. इस बात का ज़िक्र डॉक्टर हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री मोदी के डिजिट इंडिया विजन से किया. उदाहरण देते हुए कहा कि भारत मे 135-140 करोड़ लोगों की जनसंख्या है, और यह वैक्सीनेशन का डाटा सब लाइव किसी भी वक़्त हम देख सकते हैं और एक्सेस रहता है, जनता के लिए भी यही सब उपलब्ध है, कि कहा वैक्सीन लगवाएं. यह सब डिजिटल माध्यम से संभव है.
हरदयाल लाइब्रेरी के नवीकरण का काम कोरोना काल से ही चल रहा था. यह लाइब्रेरी 100 साल से भी अधिक वर्ष पुरानी है, और काफी पुरानी होने के कारण इसकी इमारत के साथ साथ यहां मौजूद किताबों को ध्यान देने की ज़रूरत थी, जिसके चलते उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से इसके नवीकरण का काम शुरू किया गया, जो कि अब जाकर काफी हद तक पूरा हो गया है, लेकिन अभी भी कुछ काम बाकी है. जिसके बारे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम मेयर जय प्रकाश बताते हैं कि यह एक हेरिटेज लाइब्रेरी है. जिस धरोहर को संभाला गया है, और जैसे जैसे अनलॉक होगा, वैसे-वैसे यह लोगों के लिए खोल दी जाएगी.
हालांकि, इस लाइब्रेरी में मौजूद किताबें काफी पुरानी होने के कारण डिजिटलाइज की जा रही हैं. तीन सालों से लाइब्रेरी की सेक्रेट्री रेखा सिन्हा के मुताबिक, इस लाइब्रेरी में 1 लाख 70 हज़ार किताबे हैं और इस इमारत के साथ साथ इन किताबों को बचने का प्रयास कर रहे है क्योंकि यह धरोहर है.