ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने निकाह को आसान बनाने के लिए मुसलमानों को कई हिदायतें दी हैं. इसको लेकर जुमे की नमाज़ में पैम्फलेट बांटे गए हैं. इसमें मुसलमानों के लिए नसीहतें की गई हैं, जिनमें शादियों को सादगी से करने पर जोर दिया गया है. बोर्ड ने दहेज, बैंड बाजा, फिजूलखर्ची जैसी चीजों से परहेज करने के लिए कहा है. पिछले दिनों गुजरात में दहेज के चलते ससुराल पक्ष के परेशान करने के बाद आयशा ने अपनी खुदकुशी कर ली थी, जिसके बाद समाज में दहेज के खिलाफ आवाज उठने लगी है जिसपर बोर्ड ने आगे आकर लोगों से ये अपील की है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जारी की ये हिदायतें
गलत परंपरा जैसे दहेज की मांग, मंगनी, हल्दी, रतजगा से परहेज किया जाए.
बारात ले जाने की परंपरा को खत्म कर मस्जिद में निकाह को बढ़ावा दिया जाए.
निकाह की दावत में शहर के बाहर से आए और घर के लोगों को शामिल करें.
रिसेप्शन में गरीबों को प्राथमिकता दें और दौलत के प्रदर्शन से परहेज करें .
निकाह की महफिल और रिसेप्शन (वलीमा) में पैगंबर मोहम्मद के आदर्शों का ख्याल रखा जाए.
शादी के आयोजन में गाना, बजाना, वीडियोग्राफी, आतिशबाजी से परहेज हो.
निकाह के निर्धारित समय की पाबंदी को अनिवार्य बनाने की कोशिश हो.
निकाह के बाद दंपति को खुशहाल जिंदगी बिताने का पाबंद बनाया जाए.
सामाजिक सुधार कमेटी के संदेशों को दूर-दूर पहुंचाने का प्रबंध किया जाए.
सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक हस्तियों से मुहिम में आगे आने का आह्वान.
रिसेप्शन में शान-शौकत दिखाने वालों की कार्रवाई को नापसंद किया जाए.
आयशा की मौत के बाद उठी आवाज
बता दें कि कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सामाजिक सुधार कमेटी का गठन किया है. दहेज प्रताड़ना से तंग आकर गुजरात की 23 वर्षीय आयशा ने साबरमति नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली थी. खुदकुशी से पहले उसने वीडियो बनाकर दहेज की खातिर ससुराली पक्ष की प्रताड़ना की पोल खोल कर रख दी थी. इस सनसनीखेज घटना के बाद कई हस्तियों ने दहेज जैसी कुरीति को समाज से खत्म करने की मांग की. महिलाओं पर अत्याचार और दहेज की मांग करने वालों के खिलाफ धार्मिक, राजनीतिक हस्तियां आह्वान करते हुए देखी गईं. सांसद असददुद्दीन ओवैसी के बयान ने भी खूब चर्चा बटोरी.
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