मुंबई: अन्य बीमारियों की तरह अब दुनिया में कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में मेडिकल साइंस ने नया चमत्कार किया है. दरअसल अगर पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में कैंसर हुआ हो तो आने वाली पीढ़ी को भी कैंसर होने की सम्भावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में मुंबई की जानी मानी डॉक्टर फ़िरोजा पारीख और उनकी टीम ऐसा इलाज करती है कि अगर किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर है तो उसकी आने वाली पीढ़ी को ब्रेस्ट कैंसर होने से बचाया जा सके.


बता दें कि देश मे पहली बार ऐसी तकनीकी से बच्चे का जन्म हुआ है, जिसमें मां के कैंसर कैरियर होने के बावजूद उसके बच्चों को कैंसर नहीं होगा. मुंबई के जसलोक अस्पताल में फर्टाइल ट्री की डायरेक्टर डॉक्टर फ़िरोजा पारीख ने इंट्रासाइटोप्लास्मिक प्रत्यारोपण और उसके बाद प्री इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग की प्रक्रिया अपनाई. यह जसलोक अस्पताल में पिछले 20 सालों में तैयार हुई तकनीक है.


यह तकनीकी क्या है?


दरअसल इस प्रक्रिया के तहत एम्ब्रियो से कुछ सेल निकाले जाते है और उनका परीक्षण किया जाता है. सेल परीक्षण में पता चलता है कि इस एम्ब्रियो में कैंसर कैरियर जींस है या नहीं. जिस एम्ब्रियो में कैंसर कैरियर जींस नहीं होते, उन्हें महिला के गर्भ में विकसित कर बच्चे का जन्म कार्य जाता है. इससे मां को जिस कैंसर का खतरा है, वह कैंसर अगली पीढ़ी में जाने की संभावना खत्म हो जाती है.


इस इलाज में कितना खर्चा है?


जिंदगी भर कैंसर होने के डर की चिंता और कैंसर होने के बाद लाखों के इलाज की तुलना में यह इस तकनीक से इलाज का खर्च ढाई लाख के करीब आता है.


इस तकनीक से इलाज कराने वाले देश के पहले दंपति बने स्वयंप्रभा और देबाशीष


स्वयंप्रभा मिश्रा और देबाशीष पाणिग्रही इस तकनीक से इलाज कराने वाले देश के पहले दंपति बने हैं. दरअसल स्वयंप्रभा और देबाशीष की शादी साल 2009 में हुई थी. कल स्वयंप्रभा और देबाशीष ने दो जुड़वा बच्चों को इस तकनीक ने जन्म दिया है. अब इनके बच्चों को कभी कैंसर नहीं होगा.



स्वयंप्रभा की मां के घर में कई लोगो की ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो चुकी है. स्वयंप्रभा की दादी, दो मौसी की ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो गई थी. यहां तक कि उनकी मां का भी ओवरी कैंसर नामक बीमारी का दो बार इलाज हुआ. स्वयंप्रभा के मामा को भी प्रोस्टेट कैंसर था. तब यह सवाल आया कि यह जेनेटिक (अनुवांशिक) है. स्वयंप्रभा को जेनेटिक जांच की सलाह दी गई. जांच में रिपोर्ट आई कि स्वयंप्रभा भी ब्रेस्ट कैंसर कैरियर है. यानी भविष्य में उन्हें भी और उनकी अगली पीढ़ी को भी कैंसर हो सकता है. इसके बाद  बंगलौर में काफी इलाज और सलाह के बाद इस दंपत्ति को मुंबई में डॉक्टर फ़िरोजा पारीख और उनकी टीम के इस इलाज के बारे में पता चला.



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