चीनी सामानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद अब बच्चों से जुड़े चीनी गेमों को भी बन्द करने की मांग उठने लगी है. मंगलवार को सूचना प्रद्योगिकी से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में मौजूद सदस्यों ने बच्चों के बीच लोकप्रिय लेकिन विवादित चीनी गेम पबजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. बैठक का एजेंडा डाटा प्राइवेसी और डाटा सुरक्षा था.


कैम स्कैनर के इस्तेमाल पर चिंता


इसके अलावा कुछ सदस्यों ने 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध के बावजूद देश में इस्तेमाल हो रहे चीनी ऐप पर चिंता जताई. इसमें सबसे प्रमुख तौर पर कैम स्कैनर का ज़िक्र किया गया. कैम स्कैनर मोबाइल पर कागजातों और तस्वीरों को स्कैन करने के काम आता है और 59 प्रतिबंधित मोबाइल एप्स में भी शामिल है. सदस्यों ने विशेष तौर पर इस बात पर चिंता जताई कि इस ऐप का इस्तेमाल देश का पुलिस प्रशासन भी कर रहा है. सदस्यों की चिंता इस बात पर ज़्यादा थी कि कहीं इस एप के ज़रिए संवेदनशील जानकारी तो नहीं चुराई जा रही.


टिक टॉक और आरोग्य सेतु ऐप पर भी चर्चा


इसके अलावा बैठक में प्रतिबन्धित चीनी ऐप टिक टॉक के बारे में भी चर्चा की गई. सूचना प्रद्योगिकी मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सदस्यों को इस बारे में अवगत कराया. कोरोना से लड़ाई में एक बड़ा हथियार साबित हो रहे आरोग्य सेतु ऐप के डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर भी अधिकारियों से सवाल पूछे गए. आगे की बैठकों में भी आरोग्य सेतु ऐप पर विशेष तौर पर चर्चा की जाएगी.


समिति में पहुंचे केवल 8 सदस्य


हालांकि समिति की बैठक में 29 सदस्यों में से केवल 8 सदस्य ही मौजूद रहे. कोरोना को लेकर पहले से ही सदस्य समिति की बैठक को या तो टालने या फिर वर्चुअल बैठकों की मांग करते आए हैं. इसी के चलते इस समिति की बैठक भी पहले 10 जून को होनी थी जिसे बढाकर 17 जून कर दिया गया. हालांकि 17 जून को भी समिति की बैठक नहीं हो पाई. 31 सदस्यों वाली समिति में फ़िलहाल 2 स्थान खाली हैं.