केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टीका सार्टिफिकेट्स से प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने के लिए चुनाव वाले राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में को-विन मंच पर ‘फिल्टर’ का इस्तेमाल किया है. समाचार एजेंसी भाषा ने सूत्रों के हवाले से गुरुवार को यह जानकारी दी. चुनाव आयोग को 9 मार्च को लिखे पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि ‘‘चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने के तकनीकी उपायों को शीघ्रता से खोजा गया है.’’


को-विन में 'फिल्टरों' का इस्तेमाल


चार राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में स्थित टीकाकरण केन्द्रों के लिए को-विन में ‘‘आवश्यक फिल्टरों’’ का इस्तेमाल किया गया है. तृणमूल कांग्रेस की एक शिकायत के बाद आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को आदर्श आचार संहिता का पालन करने को कहा था. आयोग ने चुनाव वाले राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में लोगों को दिये गये कोविड-19 प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने के लिए को-विन मंच में फिल्टरों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था.


चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश के लिए 26 फरवरी को विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी जिसके बाद असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में आचार संहिता लागू हो गई थी.


टीएमसी ने की थी चुनाव आयोग से शिकायत


गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद इसके लाभार्थियों को दिए जाने वाले डिजिटल कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस चुनाव ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि था चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद यह आचार संहिता का उल्लंघन है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था- चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. पीएम मोदी की तस्वीर अब भी कोविड-19 डॉक्यूमेंट्स पर दिख रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के साथ जोरदार तरीक से उठा रहा है. पीएम मोदी की तस्वीर वैक्सीन के लाभार्थियों को दिए जा रहे सर्टिफिकेट के ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर आती है. टीएमसी ने तस्वीर को प्रधानमंत्री द्वारा अधिकार का दुरुपयोग करार दिया था. पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद 26 फरवरी से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है.


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