Japanese Cherry Blossom Theme Garden in Srinagar: प्रसिद्ध ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden) के बाद, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर (Srinagar) को जल्द ही पर्यटकों के लिए एक और प्रसिद्ध आकर्षण मिलेगा. जम्मू-कश्मीर सरकार ने जापानी सकुरा की तर्ज पर एक शानदार चेरी थीम गार्डन (Cherry Blossom Theme Garden) स्थापित करने का फैसला किया है. चेरी गार्डन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और साल के अंत तक इसे स्थापित किया जा सकता है.
जापानी अधिकारियों और केंद्रीय विदेश मंत्रालय के साथ फ्लोरीकल्चर विभाग के अधिकारियों की एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई. प्रोफेसर एके चावला सलाहकार (जापान) पूर्वी एशिया डिवीजन एमईए ने बैठक की मध्यस्थता की जिसमें जापान से रोपण सामग्री की खरीद और तकनीकी मार्गदर्शन जैसी परियोजना के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.
10 करोड़ रुपये की परियोजना चेरी थीम गार्डन
'चेरी थीम गार्डन' 10 करोड़ रुपये की एक परियोजना है, जो ट्यूलिप गार्डन, श्रीनगर को आगंतुकों के लिए अधिक आकर्षक और शानदार बनाने के लिए एक विस्तार योजना है. इस परियोजना को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सुविधा प्रदान की जा रही है.
2,500 चेरी के पेड़ों की होगी जरूरत
परियोजना की व्यापक रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए, आयुक्त सचिव फ्लोरीकल्चर, शेख फैयाज अहमद ने कहा कि पहली बार में लगभग 2,500 चेरी के पेड़ों की आवश्यकता होगी और कुछ किस्मों की पहचान की गई है जो हमारे स्थान के अनुरूप होंगी. उन्होंने कहा कि विभाग पौधों के व्यवहार का पता लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से पौधों का निर्यात करेगा और बाद में विस्तार के लिए जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि पौधों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए अधिकारियों की एक 3 सदस्यीय टीम जापान का दौरा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि श्रीनगर में चेरी थीम गार्डन के लिए सर्वोत्तम पौधों की सामग्री का निर्यात किया जाए.
अर्थव्यवस्था के लिए हो सकता है गेम चेंजर
आयुक्त सचिव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यहां की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर के रूप में आधुनिक कृषि तकनीकों के साथ फूलों की खेती की गतिविधियों की बड़ी संभावना है. सकाई इंटरनेशनल इंटरचेंज एसोसिएशन के अध्यक्ष तदाशी निशियमा (जापानी सकुरा विशेषज्ञ) ने विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर की सरकार उन्हें प्रस्तावित उद्यान के लिए आवश्यक कुल पौध सामग्री की किस्मवार कुल संख्या भेजनी चाहिए. उन्होंने इस संबंध में हर संभव तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया.
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