नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मुद्दे पर सोशल मीडिया के दो बड़े खिलाड़ियों को समिति के सामने बुलाया है.
ट्विटर के अधिकारियों के जवाब तलब के बाद अब फेसबुक और गूगल के अधिकारियों की बारी है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने इन दोनों सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को समिति के सामने बुलाया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली इस समिति के सामने इसके पहले ट्विटर के अधिकारी पेश हो चुके हैं जिनसे जमकर सवाल जवाब किए गए थे.
समिति ने 29 जून को होने वाली अपनी बैठक में दोनों कम्पनियों को तलब किया है. बैठक का मुख्य विषय तो जुड़ा है नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया के दुरुपयोग से , लेकिन नए आईटी नियमों को लेकर सरकार और अलग अलग सोशल मीडिया कम्पमियों के बीच लगातार विवाद चल रहा है. वैसे ट्विटर से इतर फेसबुक और गूगल ने नए आईटी नियमों का पूरी तरह पालन करने का फ़ैसला किया है.
दिलचस्प बात ये है कि स्थायी समिति द्वारा बुलाए जाने पर फेसबुक ने पहले समिति की ऑनलाइन बैठक करने का अनुरोध किया था. फेसबुक की दलील थी कि कोरोना काल में कम्पनी की नीति है कि उसके प्रतिनिधि किसी भी ऐसी बैठक में भाग नहीं लेते जिसमें सशरीर उपस्थित होना पड़े. उन्होंने समिति की बैठक ऑनलाइन करवाने का सुझाव दिया था. हालांकि समिति ने फेसबुक की मांग को ख़ारिज़ कर दिया. अलबत्ता समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को वैक्सीन लगवाने का प्रस्ताव ज़रूर दिया ताकि वो बैठक में सशरीर हिस्सा ले सकें.