दो दशक के विचार-विमर्श के बाद देश को मिला पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलम विवाद में चीन को पटखने देने वाले जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) बनाया गया है.
नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्यभार संभाल लिया. सीडीएस को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच समन्वय के वास्ते भारत की सैन्य योजना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
सीडीएस के रूप में जनरल रावत रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के अलावा सैन्य मामलों के नवगठित विभाग के प्रमुख होंगे. बता दें कि करगिल समीक्षा समिति ने 1999 में सीडीएस की सिफारिश की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ट्वीट करते हुए कहा कि सैन्य मामलों का विभाग सृजित करना और सीडीएस पद को संस्थागत स्वरूप प्रदान करना महत्वपूर्ण और समग्र सुधार हैं जिनसे हमारे देश को आधुनिक युद्ध की बदलती चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी.’’
उन्होंने कहा कि इस पद पर हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी . यह 1.3 अरब देशवासियों की आशाओं एवं आकांक्षाओं को परिलक्षित करेगा.
सीडीएस पर तीनों सेनाओं की संयुक्त योजना और एकीकरण के माध्यम से खरीद, प्रशिक्षण और संचालन में अधिक तालमेल और आवंटित बजट के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी होगी. सीडीएस का अन्य प्रमुख कार्य तीनों सेनाओं के लिए समग्र रक्षा खरीद योजना तैयार करते हुए हथियारों और उपकरणों के स्वदेशीकरण को सुगम बनाना होगा.
जनरल रावत ने कहा कि सीडीएस पर सशस्त्र बलों को आवंटित संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और खरीद प्रक्रिया में एकरूपता लाने की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वह आश्वासन देना चाहते हैं कि थल सेना, नौसेना और वायु सेना एक टीम के रूप में काम करेगी और सीडीएस इन सबके बीच समन्वय सुनिश्चित करेगा.
वह रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय के बाहर गार्ड ऑफ ऑनर लेने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.
सीडीएस फोर स्टार जनरल हैं और वो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक नए विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स के सेक्रेटरी के तौर पर काम करेगें और सरकार (राजनैतिक नेतृत्व) को सैन्य मामलों पर सलाह देंगे. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया कि सीडीएस सीधे तौर से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के कमांड और यूनिट्स को सीधे तौर से कंट्रोल नहीं करेगा. लेकिन उसके अंतर्गत सेना के तीनों अंगों के साझा कमांड और डिवीजन होंगे.
क्या है सीडीएस की नियुक्त का मकसद?
सीडीएस की नियुक्त का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है. सीडीएस तीनों सेनाओं के ऑपरेशन्स, लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, कम्युनिशेंस इत्यादि के बीच एकीकरण का काम करेगे. साथ ही सेनाओं के आधुनिकिकरण में भी सीडीएस की मुख्य भूमिका होगी. सीडीएस सेनाओं के फाइव ईयर डिफेंस एक्युजेशन प्लान यानि सेनाओं के पांच साल के रक्षा बजट को भी लागू करने में अहम भूमिका होगी.
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