नागरिकता संशोधन बिल पर यू-टर्न के बाद नीतीश कुमार हुए चौकस, डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू
वैसे हाल के दिनों में भी देखा जाए तो एनडीए का हिस्सा रहते हुए भी कई अहम मुद्दों पर जेडीयू ने बीजेपी का समर्थन संसद में नहीं दिया है. इस बिल का विरोध करने वाली जेडीयू ने दोनों सदनों में समर्थन कर कई बड़ी पार्टियों को चौंका दिया.
पटना: नागरिकता संशोधन बिल पर जब राज्य सभा में बहस हो रही थी, तब एक तरफ आरजेडी नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव सड़क पर उतर गए थे. तेजस्वी जेपी और गांधी मूर्ति की परिक्रमा कर रहे थे. तो वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर पलटू राम कह कर बरस रहे थे. उसी वक्त नीतीश मुस्लिम बहुल इलाके किशनगंज में एएमयू यानि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉक्टर हसन इमाम से मुलाकात की तस्वीर मीडिया में जारी कर रहे थे. राज्यसभा में जेडीयू के नेता आर सी पी सिंह CAB का समर्थन कर अपनी पीठ भी थपथपा रहे थे.
बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में हुई बहस के दौरान जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने जमकर भाषण दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में यूपीए सरकार के कार्यकाल से ज़्यादा मदरसे बनाए गए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मदरसे के शिक्षकों को 7वां वेतन आयोग दे रही है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने एक बार में एक कलम से 2460 मदरसे बनाए गए. जो मदरसों की सुरक्षा करे वो साम्प्रदायिक हो गई और न करे वो सेक्युलर सरकार हो गई.
जेडीयू ने कई बड़ी पार्टियों को चौंका दिया
नागरिकता संशोधन बिल संसद से सड़क तक बहस का मुद्दा बना हुआ है. इस बिल का विरोध करने वाली जेडीयू ने दोनों सदनों में समर्थन कर कई बड़ी पार्टियों को चौंका दिया जो इस बिल का लम्बे समय से विरोध कर रहीं थीं. ख़ुद जेडीयू के अंदर भी बिल को लेकर तकरार बढ़ गयी है. दिलचस्प बात और बड़ी बात ये है कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी पार्टी के इस फैसले से का विरोध कर रहें हैं. प्रशान्त किशोर के साथ-साथ पवन वर्मा और जेडीयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी भी विरोध में खड़े हो गए.
वैसे हाल के दिनों में भी देखा जाए तो एनडीए का हिस्सा रहते हुए भी कई अहम मुद्दों पर जेडीयू ने बीजेपी का समर्थन संसद में नहीं दिया है. चाहे वो ट्रिपल तलाक़ की बात हो, या अनुच्छेद 370 हटाए जाने की. ऐसे में जब बीजेपी की विरोधी पार्टियां CAB को देश बांटने की नीति बता रही हैं तो जेडीयू ने इसे खुले तौर पर समर्थन दिया है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मुद्दे पर कहा कि अमित शाह से बातचीत के बाद पार्टी ने फ़ैसला लिया. विचार विमर्श कर लिए गए इस फ़ैसले से पार्टी के किसी भी नेता को आपत्ति नहीं है.
जेडीयू के हैं बदले बदले तेवर
नीतीश कुमार ने आज पटना में एएमयू के निदेशक से मुलाक़ात की. क़रीब एक घंटे की इस मुलाक़ात में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के किशनगंज सेंटर के निदेशक डॉ. हसन इमाम को हर सम्भव सहायता देने की भी बात कही.
बिल का समर्थन महज़ सियासी दांव
बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में यानि नवम्बर 2020 में होना है. उससे पहले बिहार में राजनीतिक हलचल शुरू हो गयी है. मंगलवार को आरजेडी के खुले अधिवेशन में तेजस्वी यादव और तेज़ प्रताप दोनों भाइयों ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. तेजस्वी पहले भी बोल चुके हैं कि CAB का विरोध करते-करते नीतीश कुमार ने इसका समर्थन कर अपने आपको फिर से पलटूराम साबित कर दिया. वैसे बिहार में मुस्लिमों की आबादी लगभग 16% है और मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए जेडीयू ने बिल पर अपना स्टैंड बदला है.
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