यूपी के बाद अब हरियाणा में भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून जल्द, राज्य सरकार ने बनाई कमेटी
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है.
चंडीगढ़: लव जिहाद का मुद्दा खत्म होता नहीं दिख रहा. उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बन चुका है और अब हरियाणा सरकार भी इसके खिलाफ कानून बनाने जा रही है. हरियाणा सरकार ने इसके लिए एक कमेटी का गठन भी कर लिया है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
A three member Drafting Committee formed to frame law on Love Jihad in Haryana comprising T L Satyaprakash IAS Secretary Home, Navdeep Sing Virk IPS ADGP and Deepak Manchanda Additional Advocate General Haryana Committee will study the Love Jihad law formed in other states also. pic.twitter.com/AVleKsV5zH
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) November 26, 2020
विज ने यह भी कहा कि राज्य गृह सचिव टी. एल. सत्यप्रकाश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क और अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक मनचंदा इस कमेटी के सदस्य होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह समिति इस मामले में अन्य राज्यों में बने कानूनों का भी अध्ययन करेगी.
बता दें अनिल विज ने यूपी सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी. अनिल विज ने ट्वीट कर कहा, "उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad) के गुनहगारों पर एक्शन के लिए योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर लगा दी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद. हरियाणा भी लव जिहाद पर शीघ्र कानून बनाएगा.''
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad) के गुनहगारों पर एक्शन के लिए योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर लगा दी है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद । हरियाणा भी लव जिहाद पर शीघ्र कानून बनाएगा ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) November 25, 2020
बता दें उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020' को मंज़ूरी दे दी है. इस क़ानून के अनुसार 'जबरन धर्मांतरण' उत्तर प्रदेश में दंडनीय होगा. इसमें एक साल से 10 साल तक जेल हो सकती है और 15 हज़ार से 50 हज़ार रुपए तक का जुर्माना. शादी के लिए धर्मांतरण को इस क़ानून में अमान्य क़रार दिया गया है. राज्यपाल की सहमति के बाद यह अध्यादेश लागू हो जाएगा.
इस अध्यादेश के अनुसार 'अवैध धर्मांतरण' अगर किसी नाबालिग़ या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं के साथ होता है तो तीन से 10 साल की क़ैद और 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा.
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