भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया है.  कैलाश जोशी, दिग्विजय सिंह, उमा भारती और बाबूलाल गौर के बंगले का आवंटन रद्द किया गया है. उमा भारती और दिग्विजय ने पहले ही बंगला छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी.


बता दें कि जबलपुर हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले एक महीने में खाली कराने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने उस नियम को असंवैधानिक बताया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास और सुविधाएं देने का प्रावधान था.


सरकारी बंगले का आवंटन रद्द करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर को सरकारी बंगला खाली करना होगा. दरअसल हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नियम के विरुद्ध सरकारी आवासों में रह रहे हैं.


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था. वहीं, राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी घर देने के प्रावधान पर सवाल खड़े हुए हैं. इस संबंध में राज्य विधानसभा में पारित विधेयक के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट सुनवाई हुई.


मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार ने पिछले साल अप्रैल में विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास दिये जाने संबंधी प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी थी. जिसे राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है.



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