बेंगलुरू: कांग्रेस भले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ की आशंका जता रही हो लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अनुसार कम-से-कम कर्नाटक में यह कोई मुद्दा नहीं है.


नंनजानगुड और गुंडलुपेट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से उत्साहित सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह सकते हैं कि इन चुनावों में छेड़छाड़ :ईवीएम के साथ: हुई है.’’ उपचुनावों के परिणाम की पृष्ठभूमि में ईवीएम को लेकर उनके रख के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पार्टी ने कल छेड़छाड़ की ‘आशंका’ के बारे में बात की है.


सिद्धारमैया ने कहा कि उनको बताया गया है कि दो सीटों के लिए हुए उपचुनावों में वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया गया. इससे पहले बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अगर EVM से छेड़छाड़ होती तो मैं सत्ता में नहीं होता.


अगर EVM से छेड़छाड़ होती तो मैं सत्ता में नहीं होता: अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह सत्ता में नहीं होते. उनका यह रूख कांग्रेस के रूख के विपरीत है जिसका कहना है कि मशीन से छेड़छाड़ संभव है.

''अगर EVM से छेड़छाड़ होती तो मैं सत्ता में नहीं होता''

अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं यहां नहीं बैठा होता. यहां अकाली होते.’’ पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है.

अकाली-बीजेपी को दिखाया बाहर का रास्ता

कांग्रेस ने मांग की है कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाए. आपको बता दें कि पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली-बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाया.

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ का आरोप

कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हुई जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को विधानसभा चुनाव जीतने में सहयोग मिला.