फरवरी में ही पिछले 50 सालों की गर्मी का रिकॉर्ड टूटना शुरू, तटीय क्षेत्रों में दिखा असर
मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुये विभाग ने भी ग्रीष्म लहर (हीट वेव) से बचाव के बारे में मंगलवार को परामर्श जारी कर दिया. इसके अनुसार मैदानी इलाकों में अधिकतम ताापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने पर उस इलाके में ग्रीष्म लहर की स्थिति घोषित कर दी जाती है.
नई दिल्ली: इस साल रिकार्ड तोड़ सर्दी के बाद फरवरी में ही गर्मी ने भी पिछले लगभग 50 साल के रिकार्ड ध्वस्त करना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार गर्मी ने उत्तर के मैदानी इलाकों में दस्तक देने से पहले तटीय क्षेत्रों में असर दिखाना शुरू कर दिया है. मुंबई में मंगलवार को अधिकतम तापमान का 39 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाना, इसका ताजा उदाहरण है.
विभाग के अनुसार फरवरी में 1966 के बाद मुंबई में अब तक का सर्वाधिक तापमान 17 फरवरी को 38.1 डिग्री सेल्सियस और 18 फरवरी को बढ़कर 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से सात डिग्री अधिक था. इससे पहले मुंबई में 25 फरवरी 1966 को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
विभाग की पूर्वानुमान इकाई की प्रमुख वैज्ञानिक सती देवी ने बताया कि फरवरी के तीसरे सप्ताह में तटीय इलाकों में तापमान के स्तर में लगतार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि भारत में सामान्य तौर पर पश्चिम के तटीय इलाकों से गर्मी की शुरुआत होती है लेकिन तापमान में इजाफे के लिये जिम्मेदार मानी जाने वाली हवाओं के रुख में तेजी को देखते हुये इस साल फरवरी में ही तापमान रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मुंबई का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और अहमदाबाद में 33 डिग्री सेल्सियस रहा. इसके अलावा पुणे और हैदराबाद में भी पारा 30 डिग्री के स्तर को पार कर गया है.
मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुये विभाग ने भी ग्रीष्म लहर (हीट वेव) से बचाव के बारे में मंगलवार को परामर्श जारी कर दिया. इसके अनुसार मैदानी इलाकों में अधिकतम ताापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने पर उस इलाके में ग्रीष्म लहर की स्थिति घोषित कर दी जाती है. विभाग ने ग्रीष्म लहर के विभिन्न स्तरों के निर्धारित मानकों के मुताबिक लोगों को आने वाले महीनों में सावधानी बरतने को कहा है.
विभाग ने पश्चिमी हवाओं के कमजोर पड़ने और दक्षिणी इलाकों से चलने वाली पूर्वी हवाओं के जोर पकड़ने के कारण अगले दो दिनों में मुंबई का तापमान 38 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया है. मुंबई में पिछले दस साल में तीन बार (2017, 2015 और 2012) फरवरी में तापमान 37 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया.
मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर पश्चिमी इलाकों में गर्मी का दौर जोर पकड़ रहा है लेकिन 21 फरवरी को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक को देखते हुये उत्तर के मैदानी इलाकों में 25 फरवरी के बाद तापमान में इजाफा दर्ज किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में मंगलवार को दिन का औसत तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा. अगले एक सप्ताह तक पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में रहने के कारण इन क्षेत्रों में बारिश की संभावना को देखते हुये तापमान का स्तर लगभग यथावत रहने का पूर्वानुमान है.
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