नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत के चार जज बीते दिन देश के सबसे बड़े जज की शिकायत करने के लिए मीडिया के सामने आए. चारों जजों ने सुप्रीम कोर्ट में प्रशासनिक अनियमितताओं का आरोप लगाया. जिसके बाद देश के अंदर बड़ा भूचाल आ गया. आज सुप्रीम कोर्ट विवाद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. पीएमओ में प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा ने आज सुबह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलने की कोशिश की, लेकिन उनकी मुलाकात दीपक मिश्रा से नहीं हो पाई. जिसके बाद पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र को चीफ जस्टिस घर के गेट पर इंतज़ार करके खाली हाथ लौटना पड़ा.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन भीमाराव लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ मौजूद थे. इस विवाद पर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज फिर कहा है कि ये विवाद सुलझ जाएगा. 


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा से ये नाराजगी इन चारों जजों ने दो महीने पहले ही सात पेज की चिट्ठी लिखकर जाहिर कर दी थी. चिट्ठी में नाराजगी की वजह भी साफ होती है. जो सबसे बड़ी वजह है वो है-

  • जजों के रोस्टर बनाने का अधिकार यानी ये फैसला कि कौन जज या कौन सी बेंच किस केस की सुनवाई करेगी.

  • आरोप ये भी है कि चीफ जस्टिस ने बाकी सीनियर जजों की अनदेखी करते हुए अपनी पसंद की बेंच को केस बांटे.

  • यानी एक तरह से चीफ जस्टिस पर मनमानी और पक्षपातपूर्व रवैया अपनाने का आरोप लगाया गया है.

  • इसके अलावा चिट्ठी में जजों की नियुक्ति के मामले में मेमोरेंडम और प्रोसीजर का मुद्दा भी उठाया गया है.

  • मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर का मतलब है हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के नियम कायदे.

  • आरोप है कि मेमोरेंडम और प्रोसीजर तैयार करने में सीनियर जजों की सलाह की अनदेखी की गई.



जजों के बीच सुलह का कोई रास्ता निकाल सकते हैं अटार्नी जनरल


सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों के चीफ जस्टिस के साथ मतभेद के सामने आने के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा आज वरिष्ठ जजों से बात कर सकते हैं. वहीं अटार्नी जनरल भी मध्यस्ता की कोशिश कर रहे हैं. अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उम्मीद जताई है कि यह विवाद आज सुलझ जाएगा. न्यायपालिका में वेणुगोपाल के गहरे सम्मान को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वो जजों के बीच सुलह का कोई रास्ता निकाल सकते हैं.


इस बीच सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी अपनी तरफ से कोशिश करने की बात कही है. बार एसोसिएशन की आज शाम 4 बजे सुप्रीम कोर्ट में बैठक होनी है.


केंद्र सरकार ने विवाद से बनाई दूरी


केन्द्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इस मामले में विवाद से दूरी बनाकर रखी है. सरकार का मानना है कि लोकतंत्र के अनिवार्य स्तम्भ सुप्रीम कोर्ट का यह अंदरुनी मामला है और वो इस मामले में आपस में बैठकर किसी सहमत राय पर सहमत हो जाएंगे.


ऐसा माना जा रहा है कि सरकार केके वेणुगोपाल हल निकालने का काम कर रहे हैं. इस पूरे विवाद पर सीजेआई दीपक मिश्रा की कोई भी प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आई है. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शुक्रवार को जजों की प्रेस कांफ्रेन्स के बाद सीजेआई दीपक मिश्रा से भी मुलाकात की है.


इस मामले पर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं. कांग्रेस ने जहां इसे बेहद संवेदनशील मामला बताते हुए जस्टिस लोया की मौत की जांच की मांग की. वहीं बीजेपी ने इसे सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला बताते हुए कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया.


कांग्रेस ने क्या कहा:


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''ये बहुत संवेदनशील मामला है, चार जजों ने जो मुद्दे उठाए हैं वो बहुत महत्वपूर्ण हैं. जजों ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है इस पर ध्यान देने की जरूरत है.'

जज विवाद: कांग्रेस की मांग जज लोया की मौत की जांच हो, बीजेपी ने कहा- राजनीति ना करें


इसके साथ ही राहुल गांधी  ने जस्टिस लोया की मौत का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि इस मामले की जांच वरिष्ठ जज से करानी चाहिए. हमारी न्याय प्रणाली पर पूरा देश भरोसा करता है, इसीलिए आज हम इस पर बयान जारी कर रहे हैं.


कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''आज सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इसके साथ ही एक वो पत्र भी जारी किया जो उन्होंने चीफ जस्टिस को लिखा था. माननीय जजों की टिप्पणी बेहद परेशान करने वाली हैं. जजों की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का लोकतंत्र पर दूरगामी असर होगा.'' इसके साथ ही कांग्रेस ने जस्टिस लोया की मौत की जांच वरिष्ठतम जज से कराने की मांग की है.


कांग्रेस अवसर ढूंढ रही है-संबित पात्रा


बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ''यह सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है, अटॉर्नी जनरल ने अपना बयान दिया है. इस पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. न्यायपालिका पर राजनीति करना गलत है, कांग्रेस ने आज गलत किया. कांग्रेस अवसर ढूंढ रही है."'


कांग्रेस ने खुद को बेनकाब किया: संबित पात्रा


संबित पात्रा ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के आंतरिक विषयों पर सड़क पर राजनीति करना गलत है. हमें आश्चर्य और दुख है कि कांग्रेस पार्टी जिसे चुनाव चुनाव दर मौका नहीं मिल रहा है ऐसे में इस तरह के मुद्दे पर राजनीति करके उन्होंने साबित कर दिया कि वो अवसर ढूंढ रहे हैं. कांग्रेस ने आज देश की जनता के सामने खुद को बेनकाब कर दिया.''


सुप्रीम कोर्ट के चार सबसे सीनियर जस्टिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट के चार सबसे सीनियर जस्टिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश को बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और अनियमितताओं को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने अपनी बात रखी, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इसके साथ ही जजों ने कहा कि अब देश को विचार करना है कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग चले या नहीं.


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