नई दिल्ली: मायावती ने अपनी पार्टी बीएसपी में भारी फेरबदल किया है. दानिश अली को उन्होंने फिर से लोकसभा में संसदीय दल का नेता बना दिया है. इससे पहले जौनपुर के एमपी श्याम सिंह यादव के पास ये ज़िम्मेदारी थी. अगस्त के महीने में उन्हें दानिश अली को हटा कर संसदीय दल का नेता बनाया था. लेकिन तीन महीने में ही मायावती को दानिश फिर से पसंद आ गए. बताया जाता है कि तीन तलाक़ के मुद्दे पर मायावती उनसे नाराज़ हो गई थीं.


लखनऊ में मायावती ने बीएसपी ऑफिस में पार्टी के सांसदों, विधायकों और बड़े नेताओं की मीटिंग बुलाई थी. मायावती ने बैठक की शुरुआत में ही अखिलेश यादव को जम कर कोसा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन आगे जारी नहीं रखा जा सकता था. गठबंधन तोड़ने के लिए हमें ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था. इसी बैठक में मायावती की एक बात पर सब हैरान रह गए. उन्होंने बताया कि हमने मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ़ अपना मुक़दमा वापस ले लिया है. गेस्ट हाउस कांड में उन्हें आरोपी बनाया गया था. लखनऊ के गेस्ट हाउस में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मायावती पर हमला किया था, उनके कपड़े फाड़ दिए थे. बीएसपी चीफ़ ने बताया कि अखिलेश ने उनसे केस वापस लेने के लिए कई बार कहा था. मायावती ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेता बीजेपी से मिले हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उप चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिल कर हमें हराया.


मायावती ने एक बार फिर यूपी में बीएसपी का पूरा संगठन बदल दिया. राज्य के उन्होंने चार भाग में बांट दिया है. हर हिस्से को सेक्टर का नाम दिया गया है. हर सेक्टर की ज़िम्मेदारी दो बड़े नेताओं को दी गई हैं . पहले सेक्टर में भीमराव अंबेडकर और सांसद गिरीश जाटव को लगाया गया है. लखनऊ, मेरठ, बरेली और मुरादाबाद मंडल को इस सेक्टर में रखा गया है. आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी मंडलों को मिलाकर दूसरा सेक्टर बनाया गया है. मायावती ने आरएस कुशवाह और चिंतामणि को सेक्टर दो का प्रभारी बनाया है. प्रयागराज, मिर्ज़ापुर और फ़ैज़ाबाद को मिला कर सेक्टर तीन बना है. जिसका इंचार्ज राज्य सभा सांसद अशोक सिद्धार्थ और दिनेश चंद्र को बनाया गया है. सेक्टर चार में गोरखपुर, आज़मगढ़ और वाराणसी को रखा गया है. इस इलाक़े की ज़िम्मेदारी मुमताज़ अली को दी गई है. वे यूपी में बीएसपी के भी अध्यक्ष हैं.


बैठक के आख़िर में मायावती ने अयोध्या में राम मंदिर पर आने वाले फ़ैसले पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी नेता किया तरह का बयान नहीं देगा.