संसद में बोले जेटली, माल्या को वापस लाने में जुटी हैं एजेंसिया
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि शराब व्यापारी विजय माल्या को भारत वापस लाने की कोशिश में संबंधित एजेंसियां जुटी हैं और हाल ही में हुई उनकी लंदन यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई. जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में कहा, "प्रासंगिक एजेंसियों उन्हें प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाने की कोशिश कर रही हैं."
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय के प्रश्न पर जेटली का जवाब
जेटली तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय के प्रश्न का जवाब दे रहे थे. रॉय, माल्या और ललित मोदी जैसे हाई प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी चाहते थे. जेटली ने कहा, "पिछले ढाई सालों में सरकार ने कई कदम उठाए हैं. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने माल्या के खिलाफ जब्ती का आदेश जारी किया गया है. इसके बाद 8,040 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई है."
माल्या पर 9,200 करोड़ रुपया बकाया
वित्त मंत्री ने कहा, "मुझे अपने हाल के दौरे के दौरान ब्रिटेन के मेरे समकक्ष समेत संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा का अवसर मिला." माल्या पर बैंकों का 9,200 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि उनकी 8,040 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. उन पर करीब 2,000 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स भी बकाया है.
माल्या के फरार हो जाने पर जेटली का बयान
जेटली ने कहा कि ऐसे मामलों में रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने और पासपोर्ट जब्त करने का प्रावधान है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अपराधी भाग न सकें. लेकिन कुछ अपना रास्ता निकाल लेते हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे लोग देश की वित्तीय व्यवस्था का लाभ उठाते हैं, अपराध करते हैं और देश से भाग जाते हैं." उन्होंने कहा, "इस तरह के मामलों में हमारे पास प्रत्यर्पण की प्रक्रिया है. कुछ देश भी निर्वासन की सुविधा प्रदान करते हैं. हम ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ निर्वासन संधि करने की कोशिश कर रहे हैं."
संपत्ति की जब्ती या जब्ती के कानून में संसोधन कर नया कानून लाना चाहिए: जेटली
वित्त मंत्री ने कहा, "हमने प्रस्ताव किया है कि हमें संपत्ति की जब्ती या जब्ती के मौजूदा कानूनों में संशोधन के साथ एक नया कानून लाना चाहिए. इस संबंध में अध्ययन किया जा रहा है और जो भी प्रावधान लागू किए जाएंगे. उस बारे में सदन को सूचित किया जाएगा."