नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक का एजेंडा एबीपी न्यूज़ के पास है. जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू -कश्मीर में विकास की रफ़्तार तेज करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तीसरे पायदान पर पहुंचाने की गरज से ये बैठक बुलाई है. इस बैठक में कश्मीरी नेताओं के साथ ज़मीनी हक़ीक़त और भविष्य की रूपरेखा का खाका खींचना पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा है. यानी राजनीतिक दल मसले जो चाहे उठाएं लेकिन पीएम मोदी का फ़ोकस साफ़ है.


पीएम मोदी चाहते हैं कि जम्मू -कश्मीर के पुनर्गठन के बाद राज्य ने जो कुछ हासिल किया है और जो कुछ राज्य के विकास के लिए किया जा सकता है उस पर खुले मन से चर्चा हो, इसके लिए जम्मू कश्मीर के सभी दल खुले मन और दिमाग़ से बैठक में हिस्सेदारी करें.


एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक़, राज्य के विकास के लिए योजना पर चर्चा होगी. राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तीसरे पायदान यानी पंचायत और डीडीसी के चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के लिए परिसीमन आयोग को सभी दल आम सहमति से स्वीकार करें इस पर बात चर्चा होगी.


सूत्रों ने कड़े तेवर के साथ साफ़ किया जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर कोई बातचीत नहीं होगी. ऐसी बहस को छेड़ने वाले जम्मू-कश्मीर के शुभचिंतक नहीं हो सकते हैं. सूत्रों ने उतने ही कड़े लहजे में साफ़ किया कि धारा 370 को हटाने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की जा सकती है. ये मुद्दा सरकार के लिए अस्वीकार्य है.


एबीपी न्यूज़ को बताया गया कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद चुनाव होंगे. इसके लिए सभी दलों को तैयार रहना होगा. केंद्र सरकार बड़ी पहल के ज़रिए इस प्रक्रिया को तेज करना चाहती है, इसके लिए बड़ा दिल करके बात करने की ज़रूरत है.


जानकारों के मुताबिक़, कश्मीर की जेल में वही लोग हैं जो पिछली सरकारों के केसे की वजह से है, इसलिए राज्य के मसलों पर अपराधियों की शर्त पर बात मनवाने की कोशिश बेकार ही जाएगी. बैठक में पीएम के अलावा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा और गृहसचिव अजय भल्ला मौजूद रहेंगे.


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