Agneepath Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (Cabinet Committee On Security) यानि सीसीएस (CCS) ने हरी झंडी दे दी है. मंगलवार को हुई सीसीएस (CCS) की मीटिंग के फैसले को खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और रक्षा सचिव (Secretary of Defense) सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने मीडिया के सामने पेश किया. इस प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि अगले 90 दिनों में देश के अग्निवीरों की भर्तियां सेना में शुरु हो जाएंगी.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया को अग्निपथ योजना के बारे में बताते हुए कहा कि   भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दिशा में आज सीसीएस ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना को एक ट्रांसफॉर्मेटिव योजना बताया जो सशस्त्र सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में बड़े बदलाव लेकर आएगी जिसके चलते सेनाएं पूरी तरह आधुनिक और बेहद ही सुसज्जित बन जाएंगी.


इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स यानी डीएमए के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निपथ योजना का एक प्रेजेंटेशन पेश किया. उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना में चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी और उनको 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने और युवाओं को मिलिट्री सर्विस का अवसर देने के लिए लाई गई है. राजनाथ सिंह ने कहा कि संपूर्ण राष्ट्र खास तौर पर हमारे युवा आर्म्ड फोर्सेज को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. अपने जीवन काल में हर बच्चा कभी न कभी सेना की वर्दी पहनने की इच्छा रखता है.


क्या है सेना में सैनिकों की औसत उम्र
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के मुताबिक अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि सशस्त्र सेनाओं का प्रोफाइल युवा रखा जाए जो देश की जनसंख्या का प्रोफाइल है. इसके लिए साढ़े 17 साल से लेकर 21 वर्ष तक के युवा इस अग्निवीर योजना के योग्य होंगे.  ऐसे में आने वाले समय में सेना की औसत उम्र 26 साल हो जाएगी. अभी सेना में सैनिकों की औसत आयु 32 साल है.


थल सेना प्रमुख ने साफ तौर से कहा कि अग्नि वीरों की ट्रेनिंग इस तरह की होगी कि अपनी चार साल की सेवा में वे चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किए जा सकेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि सेवा के दौरान वे स्किल और अनुभव हासिल कर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां प्राप्त कर सकेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना से अर्थव्यवस्था को भी हायर स्किल वर्कफोर्स मिलेगा जो जीडीपी के विकास में सहायक होगा.


अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना की ये हैं 10 बड़ी बातें...


1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी. इन चार साल के दौरान उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा.


2.  चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेवाएं आगे बढ़ाई जाएंगी. बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा.


3. चार साल की नौकरी में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी. साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र वाले अग्निवीर के लिए योग्य होंगे.


4. थलसेना और नौसेना में महिलाओं को भी अग्निवीर बनने का मौका मिलेगा.


5. अग्निवीरों को 4.76 लाख का सालाना सैलेरी पैकेज मिलेगा यानी हर महीने करीब 30 हजार. चौथे वर्ष तक ये पैकेज 6.92 लाख हो जाएगा. इसके अलावा सियाचिन जैसे इलाकों के लिए रिस्क एंड हार्डशिप अलाउंस भी मिलेगा.


6. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी. इस राशि को सेवा निधि पैकेज नाम दिया गया है. इसके तहत रिटायरमेंट के बाद 11.7 लाख की राशि मिलेगी. ये सेवा निधि पैकेज अग्निवीर की सैलरी का 30 प्रतिशत और इतना ही सरकार का योगदान के साथ मिलकर बनाया गया है. ये सेवा निधि पैकेज पूरी तरह से आयकर मुक्त होगी.


7. सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी.


8. अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी.


9. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजिमेंट में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इन्फेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं.


द गार्ड्स आजादी के बाद मात्र एक ऐसी रेजीमेंट है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट  के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफॉर्म माना जा रहा है.


10. अग्निपथ योजना के तहत अगले 90 दिनों के भीतर थल सेना की पहली रिक्रूटमेंट रैली आयोजित कर ली जाएगी. इस योजना के तहत पहले साल में थल सेना के लिए 40 हजार अग्नि वीरों की भर्ती की जाएगी. वायुसेना के लिए 3500 अग्निवीर और नौसेना के लिए 3000 अग्नि वीरों की भर्ती होगी.


मंगलवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी (Chief Of The Air Staff Air Chief Marshal VR Chaudhry) ने साफ कर दिया कि इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) के पिछले दो साल में जितने भी एग्जाम हुए हैं या होने थे वे अब रद्द हो जाएंगे. वायुसेना में भर्तियां अब अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत ही की जाएगी. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Navy Chief Admiral R Hari Kumar) के मुताबिक, अग्नि वीरों की ट्रेनिंग इस तरह की होगी कि वे युद्धपोत से लेकर पनडुब्बी पर तैनात किए जा सकेंगे.


अब अग्निपथ के जरिए ही होगी सेना में भर्ती
अब सशस्त्र सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में जवान के पद के लिए अग्निपथ योजना ही एकमात्र गेटवे हैं. बाकी सभी भर्ती प्रक्रिया जवान (नौसैनिक और वायुसैनिक) के लिए अब नहीं होंगी. जितनी भी भर्तियां होंगी वे अग्निपथ योजना के तहत होंगी. अधिकारी-रैंक के लिए एनडीए और सीडीएस (कम्बाइंट डिफेंस सर्विस) प्रक्रिया पहले की तरह चलती रहेगी.




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