Agnipath Scheme: चार साल के बाद क्या करेंगे अग्निवीर, गृह मंत्रालय ने बनाया ये प्लान
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी.
Agneepath Shceme: केंद्र ने अग्निवीर सैनिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद उनको मिलने वाले रोजगार के कई अवसरों की संभावनाओं को रेखांकित किया है. इनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स (Assam Rifles) में भर्तियों में मिलने वाली प्राथमिकताएं मुख्य रूप से शामिल हैं. केंद्र की यह घोषणा विपक्षी दल कांग्रेस (Opposition Party Congress) की चिंताओं को दूर करने में नाकाम रही.
पार्टी ने चेतावनी दी कि परिवर्तनकारी अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की अभियानगत प्रभाव क्षमता को घटा देगी. मुख्य विपक्षी दल ने एक दिन पहले इन सैनिकों के भविष्य के बारे में गंभीर चिंता जताई थी. दरअसल, इनमें से ज्यादातर महज चार साल की संक्षिप्त सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
अग्निवीर होगा भर्ती प्रक्रिया का नाम
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी. जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की संक्षिप्त अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इनको अग्निवीर नाम दिया जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है. उनके कार्यालय ने कहा कि इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
अग्निपथ योजना पर क्या बोले मध्य प्रदेश के सीएम
गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘अग्निपथ’ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे. ट्वीट में कहा गया कि फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में वरीयता दी जाएगी. चौहान ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
हालांकि, कांग्रेस ने इस योजना को लेकर सरकार पर प्रहार किया. पार्टी के नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि जब भारत को दो मोर्चों पर खतरा है तब इस अग्निपथ योजना की जरूरत नहीं है जिससे हमारे सशस्त्र बलों की कार्यक्षमता कम होती हो. भाजपा सरकार को हमारे सुरक्षा बलों की गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता करना बंद करना चाहिए.
अग्निपथ योजना के विरोध पर क्या बोली प्रियंका गांधी?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर प्रहार किया और सवाल किया कि बीजेपी सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है. उन्होंने कहा कि योजना की घोषणा से पहले कोई गंभीर सोच-विचार नहीं किया गया. उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है? युवा कह रहे हैं कि ये 4 वर्षीय नियम छलावा है. हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं.
अग्निपथ योजना को लेकर क्या बोला शिक्षा मंत्रालय?
प्रियंका ने कहा कि सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार. बस मनमानी? इस बीच अग्निवीरों के करियर की भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय (एमओई) ने ऐसे रक्षा कर्मियों के लिए कौशल आधारित तीन-वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) द्वारा पेश किए जाने वाले डिग्री प्रोग्राम को रोजगार एवं शिक्षा के लिए भारत और विदेशों दोनों में मान्यता दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि सेना (Indian Army) , नौसेना (Indian Navy) और वायु सेना (Indian Air Force) इस योजना के कार्यान्वयन के लिए इग्नू (IGNOU) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे. वहीं थल सेना ने कहा कि वह आगामी महीनों में 40,000 सैनिकों की भर्ती करेगी. उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू (Lt Gen BS Raju) ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) अगले 180 दिनों में 25,000 अग्निवीरों (Agniveer) की भर्ती करेगी. बाकी 15,000 ‘अग्निवीरों’ की भर्ती प्रक्रिया एक महीने बाद शुरू होगी. उन्होंने बताया कि भर्ती अभियान देश के सभी 773 जिलों में चलाया जाएगा.