Agni Prime Ballistic Missile: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने गुरुवार (8 जून) को बैलिस्टिक अग्नि मिसाइल के उन्नत संस्करण (वर्जन) का सफलतापूर्वक परिक्षण पूरा किया. अब यह मिसाइल अपने पुराने वर्जन के मुकाबले और ज्यादा खूबियों से लैस हो गई है. 


बुधवार-गुरुवार रात के बीच ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च की गई इस मिसालइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर है और यह अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. 


अग्नि मिसाइल रात में भी लगा सकेगी सटीक निशाना
डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मिसाइल की मारक क्षमता का पहला प्री-इंडक्शन  (सशस्त्र बलों में शामिल किये जाने से पहले) पूरा कर लिया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, यह टेस्ट उन सभी पैमानों पर खरा उतरा है जिससे हम इसको किसी भी सामरिक ठिकाने पर तैनात कर सकते हैं, क्योंकि यह मिसाइल अब वॉर रेडी बन चुकी है.


अग्नि मिसाइल की सफलता पर क्या बोला रक्षा मंत्रालय?
रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सात जून को सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को इस सफलता पर और नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल के शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हैं. 


रक्षा मंत्रालय ने इस मिसाइल की एक्यूरेट टेस्टिंग और सक्सेस के लिए परीक्षण के लिए रडार, टेलीमेट्री, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी डिवाइस इसकी टेस्टिंग रेंज में जगह-जगह पर लगाईं थी. डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने इसकी टेस्टिंग में शामिल पूरे क्रू को बधाई दी और इसकी कोशिशों की सराहना की.


क्यों अहम है अग्नि 5?
रक्षा मंत्रालय की अग्नि 5 मिसाइल की जद में चीन समेत यूरोप तक के कई देश आ जाएंगे. अब भारत की मिसाइल की जद में पूरा एशिया आ गया है. देश के कई सामरिक ठिकानों में अग्नि-1 से अग्नि-4 तक मिसाइले जिनकी रेंज 700 किमी से लेकर 3,500 किमी तक है को पहले ही तैनात किया जा चुका है.


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