Agnipath Yojana: सेना में भर्ती के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारी ने सफाई दी है. सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, जाति/धर्म इत्यादि जैसे सर्टिफिकेट भर्ती के दौरान सेना में हमेशा से मांगे जाते हैं. इसमें नया कुछ नहीं है.


सेना की ओर से आए इस बयान के बाद बीजेपी ने विपक्ष को जमकर घेरा है. बीजेपी प्रवक्त संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कुछ पार्टियां राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि, ये पार्टियां समय-समय पर भारतीय सेना पर सवाल उठाते हुए देखी गई है. इंडियन आर्मी को बदनाम करने की कोशिश की गई. पात्रा ने कहा कि उस पर सवाल उठा रहे हैं जिसकों लेकर हमारे मन में शंका नहीं किसी प्रकार का कोई डाउट नहीं है ये बार-बार उस पर सवाल उठा रहे हैं. ये बेहद दुखद है. 


जाति-धर्म से ऊपर है भारतीय सेना- पात्रा


पात्रा ने आगे कहा कि, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने ट्वीट कर अग्निवीर में जाती-धर्म का जिक्र कर जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो परेशान कर देने वाला है. उन्होंने कहा मुझे बेहद दुख है इस बात का कि ये लोग जाति-धर्म के आधार पर सेना भर्ती का आरोप लगा रहे हैं. पात्रा ने कहा कि ये सच्चाई नहीं जानते. सच ये है कि, भारती की सेना में धर्म के आधार पर जाति के आधार पर भर्ती नहीं करती है. उन्होंने कहा कि, जाति-धर्म से ऊपर है भारतीय सेना. 


धर्म-जाति के कॉलम पर दिया पात्रा ने ये जवाब


सेना भर्ती प्रक्रिया में जाति-धर्म के कॉलम पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ये कॉलम है तो क्यों है इस का उत्तर 2013 में सुप्रीम कोर्ट में मिला. एक शख्स ने याचिका दाखिल कर इस पर सवाल किया था जिस पर 2013 में भारत की सेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि, धर्म और जाति के आधार पर सेना में भर्ती का कोई रोल नहीं है. लेकिन, प्रशासनिक या एडमिनिस्ट्रेटिव रिकॉयरमेंट हैं जिसका भर्ती से कोई रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि, 2013 वहीं दौर है जब भारतीय जनता पार्टी या मोदी सरकार सत्ता में नहीं थी. ये जो अब सवाल उठाये जा रहे है ये सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने की कोशिश हो रही है.


बता दें, इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, 1949 से चली आ रही व्यवस्था ही कायम है, कोई बदलाव नहीं हुआ है.


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