देश में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की सरकार बनी है. इसके साथ ही अग्निपथ योजना की चर्चा बहुत तेज हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम की सरकार समीक्षा करने जा रही है. एनडीए के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी सरकार से स्कीम की समीक्षा करने की बात कही है.


इन चर्चाओं के बीच एक दावा बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया कि सरकार ने कार्यकाल और सैलरी जैसे कुछ बदलाव करके योजना को सैनिक सम्मान स्कीम के नाम से रीलॉन्च किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इन दावों के साथ एक लैटर पोस्ट किया गया है. पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने अग्निवीरों का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दिया है. सैलरी में बढ़ोतरी और 25 फीसदी के बजाय 60 फीसदी अग्निवीरों को परमानेंट किए जाने की बात कही है. विकास राजपूत नाम के एक्स यूजर ने यह पोस्ट किया है, जिसे कई और यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं.


वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इसकी पड़ताल की. पोस्ट को ध्यान से पढ़ने पर इसमें कई सारी अशुद्धियां मिलीं. परमानेंट, पेंशन और गारंटीड जैसी इंग्लिश स्पेलिंग गलत लिखी थीं, जबकि सरकारी लैटर या नोटिस में इस तरह की गलतियां नहीं होती हैं. रक्षा विभाग से लेकर अन्य सरकारी वेबसाइटों को खंगालने पर भी ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. 


प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने भी इस पोस्ट को फर्जी बताया है. पीआईबी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है. इसमें कहा गया, 'एक फेक वॉट्सऐप मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अग्निपथ योजना को कई बदलावों के साथ 'सैनिक सम्मान स्कीम' नाम से रीलॉन्च किया गया है. भारत सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.'


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