Agnipath Scheme Row: अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में प्रदर्शन (Agnipath Scheme Protest) थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. युवा इस योजना के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच रविवार को तीनों सेनाओं की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Army Joint Press Conference) की गई. इस योजना के फायदों के बारे में तो बताया ही गया, साथ ही सेना (Army) ने अग्निवीरों (Agniveers) का असली मतलब समझाते हुए प्रदर्शन करने वालों को खरी-खरी भी सुनाई. 


इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri), थल सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्‍पा, नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयरफोर्स की ओर से एयर मार्शल सूरज झा शामिल हुए. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निवीरों का असली मतलब समझाते हुए कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. सेना में आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है. सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर इस योजना को समझना चाहिए.


प्रदर्शन करने वालों को सेना की खरी-खरी


वहीं प्रदर्शन करने वालों को खरी-खरी सुनाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सेना में हिंसक व्यक्तियों की कोई जगह नहीं है. भर्ती के लिए आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वो विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था. फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें. यदि किसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे सेना शामिल नहीं हो सकते. 


अग्निपथ योजना को वापस लेने का सवाल ही नहीं- सेना


प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri) ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि सेना में जवानों की भर्ती की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) वापस नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा कि ये एक प्रगतिशील कदम है और देश की रक्षा के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है. इसलिए अग्निपथ योजना को वापस लेने का सवाल ही नहीं है. 


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