Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के तहत भर्ती के दौरान आवेदन पत्र के साथ जाति और धर्म प्रमाण पत्र देने पर उठे बवाल पर भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों ने साफ किया कि आजादी के बाद से यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है. भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत अब भले ही युवाओं की भर्ती ऑल इंडिया और ऑल क्लास के आधार पर होगी लेकिन ये एक धीमी प्रक्रिया होगी. क्योंकि ऑपरेशनल ब्लू स्टार और राष्ट्रीय राईफल्स के गठन के दौरान मिली जुली रेजीमेंट बनाने का काम किया गया था लेकिन वो असफल रहा था. 


ऐसे में भारतीय सेना की इंफेंट्री रेजीमेंट की सरंचना रातो-रात नहीं बदली जा सकती. जब तक पूरी तरह से ऐसा नहीं हो जाता तब तक जाति और धर्म के प्रमाण-पत्र की जरुरत पड़ेगी. इसके अलावा जाति और धर्म के बारे में प्रशासनिक कारणों से भी सेना को जरूरत पड़ती है.


कब बनीं थी सेना में अंग्रेजों की रेजीमेंट?
सेना में इन्फेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों (ब्रिटिश‌ राज) के समय बनी थी. इनमें सिख रेजीमेंट, जाट रेजीमेंट रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राईफल्स (जैकरिफ) इत्यादि रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती थीं.


आजादी के बाद मात्र एक ऐसी, 'द गार्ड्स' रेजीमेंट ऐसी बनी है जो ऑल इंडिया, ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानी देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकता है. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफोर्म माना जा रहा है. सेना भी अपनी आवश्यकता के आधार पर किसी भी जवान को किसी भी रेजीमेंट में भेज सकती है.


अग्निपथ योजना में किस आधार पर होंगी भर्ती?
अग्निपथ योजना के लॉन्च के वक्त ये सवाल थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी से भी पूछा गया था कि क्या अब जाति आधारित भर्ती प्रक्रिया खत्म कर दी जाएगी तो उन्होने कहा था कि सेना में 75 प्रतिशत भर्तियां ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर ही होती आई हैं लेकिन अब बाकी 25 प्रतिशत भी ऐसी ही होगी यानि ऑल इंडिया ऑल क्लास. लेकिन आपको बता दें कि सेना की टैंक रेजीमेंट (आर्मर्ड), तोपखाना, इंजीनियर्स, एयर-डिफेंस इत्यादि ऐसे आर्म्स हैं जहां पहले से ही मिलाजुली भर्तियां होती आई हैं.


Prophet Remarks Row: नूपुर शर्मा को बड़ी राहत, SC ने कहा- 'किसी भी राज्य की पुलिस गिरफ्तार न करे'


Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति पद के लिए यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का रहा है विवादों से पुराना नाता, जानिए उनके मशहूर किस्से