Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना को चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई, केंद्र सरकार ने की है उसका भी पक्ष सुनने की मांग
अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थी. वहीं केंद्र सरकार ने भी SC में कैविएट दाखिल कर कहा है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश नहीं दिया जाए.
Agnipath Recruitment Scheme: अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कल सुनवाई करेगा. अलग-अलग इन याचिकाओं में योजना पर फिलहाल रोक लगाने, योजना की दोबारा समीक्षा किए जाने से लेकर उसे रद्द करने जैसी मांगें रखी गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि जो लोग पहले से सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उनके ऊपर यह योजना लागू नहीं की जानी चाहिए. उन्हें 4 साल की बजाए पुराने कार्यकाल के हिसाब से ही नौकरी मिलनी चाहिए.
इस मामले में केंद्र सरकार ने भी कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध किया है कि वह उसका पक्ष सुने बिना कोई भी एकतरफा आदेश न दे. सुप्रीम कोर्ट में जो तीन याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हैं, उनके याचिकाकर्ता हैं- हर्ष अजय सिंह, मनोहर लाल शर्मा और रविंद्र सिंह शेखावत.
याचिका में क्या है मांग?
मनोहर लाल शर्मा ने योजना को गलत तरीके से लागू किया गया और देशहित के विरुद्ध बताते हुए रद्द करने की मांग की है. वहीं हर्ष अजय सिंह ने मांग की है कि कोर्ट सरकार को योजना की दोबारा समीक्षा का आदेश दे. सिंह ने यह मांग भी की है कि योजना पर कोर्ट फिलहाल रोक लगा दे.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक के बाद एक दाखिल हो रही इन याचिकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी कैविएट दाखिल कर चुकी है. किसी पक्ष की तरफ से कैविएट दाखिल होने के बाद मामले में कोई भी आदेश उस पक्ष को सुने बिना नहीं दिया जाता है. ऐसे में अब केंद्र को इस बात की आशंका नहीं होगी कि सुप्रीम कोर्ट अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर रोक का एकतरफा आदेश दे देगा. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और ए एस बोपन्ना की 3 सदस्यीय बेंच के सामने सुनवाई के लिए लगा है.